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बीकानेर,मौसम में बदलाव के साथ ही चिकनगुनिया कहर बरपाने लगा है। गंगाशहर का आधे से ज्यादा इलाका इसकी गिरफ्त में है। हर घर में लोग बीमार हैं। पीबीएम हॉस्पिटल में रोज करीब सौ रोगी पहुंच रहे हैं। जबकि सरकारी आंकड़ों में पॉजिटिव केस मात्र 31 ही हैं। शहर में डेंगू के केस कम हुए हैं, लेकिन चिकनगुनिया के तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका कारण भी एडीज मच्छर ही है, जो साफ पानी में होता है।

इसका सबसे ज्यादा असर गंगाशहर और भीनासर में हुआ है। नवंबर महीने में अब तक पांच सौ से ज्यादा केस इसी इलाके से सामने आए हैं। हालांकि पीबीएम हॉस्पिटल की जांच में पॉजिटिव केस 31 ही हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार गंगाशहर के चौरडिय़ा चौक, चौपड़ा बाड़ी, गोपेश्वर बस्ती, भीनासर सहित कई इलाकों में हर घर में लोग चिकनगुनिया से पीडि़त हैं। ऐसे कई घर हैं, जहां पूरा परिवार ही बीमार पड़ा है।

पीबीएम हॉस्पिटल के मेडिसिन ओपीडी में रोज करीब सौ पेशेंट वायरल बुखार के आ रहे हैं, जिनके सिर से लेकर शरीर के हर अंग में दर्द है। ऐसे रोगियों का इलाज चिकनगुनिया मानकर ही किया जा रहा है। इसी प्रकार मेडिसिन के डॉक्टरों के घरों पर भी रोज दस से पंद्रह मरीज डेंगू के साथ चिकनगुनिया के पहुंच रहे हैं। पीबीएम के डॉक्टर्स और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि चिकनगुनिया एक ऐसा वायरल है, जिसकी पॉजिटिव रिपोर्ट सात दिन बाद जांच से सामने आती है। इसमें मरीज के शरीर में असहनीय दर्द होता है, जिससे उसका इलाज तुरंत करना जरूरी है। सात दिन में मरीज ठीक हो जाता है। उसके बाद कोई जांच कराने नहीं आता।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि शनिवार रात हुई बारिश के बाद मच्छरों का बढऩा तय है। इसलिए लोग घरों में बारिश का पानी इक_ा ना होने दें। पालसिए, गाड़ी के टायर आदि ऐसे कोई वस्तु जहां पानी भरता है उसे तत्काल खाली दें। एक्सपर्ट के अनुसार एडीज मच्छर से डेंगू और चिकनगुनिया फैलता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है। इंसान को काटने के बाद उसी एरिया में घूमता रहता है। दस फीट से ज्यादा ऊंचाई पर उडऩे की क्षमता उसमें नहीं होती। इसलिए वह घर के दूसरे सदस्यों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। पीबीएम हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. संजय कोचर का कहना है कि डेंगू के गंभीर स्टेज पर पहुंचने से ब्रेन हेमरेज होने का खतरा रहता है।गंगाशहर में डिस्पेंसरी की कमी, फील्ड वर्क नहीं शहर के उप नगर कहे जाने वाले गंगाशहर इलाके में इस बार चिकनगुनिया के रोगी सबसे ज्यादा रिपोर्ट हो रहे हैं। लोगों को उपचार के लिए पीबीएम हॉस्पिटल या डॉक्टरों के घरों पर जाना पड़ रहा है। दरअसल गंगाशहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को रेफरल अस्पताल का दर्जा मिलने के बाद वह मेडिकल कॉलेज के अंडर में चला गया। इसलिए उसका फील्ड वर्क खत्म हो गया। वहां सुविधाएं कम होने से लोग पीबीएम ही जाते हैं।ट्रक यूनियन के पुराने ऑफिस में शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शुरू किया था, लेकिन वहां स्टाफ नहीं है। पोस्टों की सेंक्शन ही अब तक नहीं आई। सीएमएचओ ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर गंगाशहर के लिए अरबन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की जरूरत बताई थी। उसे भी नजरअंदाज कर दिया गया। अब नई सरकार आने पर ही कोई कार्यवाही हो सकेगी। विदित रहे चिकनगुनिया के पहले चार केस एक महीना पहले गोपेश्वर बस्ती से ही रिपोर्ट हुए थे। उसके बाद से यह वायरस थमने का नाम नहीं ले रहा।

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