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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान एवं मोहनीदेवी पंवार माली परिवार के संयोजन” में “मोहता कुंआ स्थित कृपाल भैरव के पास श्री भगवान निवास”में हो रही श्रीमद्भागवत सप्ताह कथा के तीसरे दिवस की कथा वाचन करते हुए बालसंत श्रीछैलबिहारी जी महाराज ने सृष्टि संरचना, विदुर मेत्रैय मुनि संवाद, वाराह अवतार,सांख्य दर्शन,नवधा भक्ति भगवान कपिल उपाख्यान द्वारा माता देवहूति को मन के बंधन से मुक्ति के उपाय श्रवण कराने की कथा,सती प्रसंग, एवं धुव्र चरित्र भगवान कपिल व देवहूति प्रसंग की विस्तृत कथा सुनाते हुए बताया। कपिलोउपाख्यान के द्वारा माता देवहूति को आत्मबोध व मन बुद्धि अष्टांगयोग यम नियम आदि की व्याख्या द्वारा बालसंत जी ने बताया “कि मन ही बंधनों का मूल कारण है”ईच्छाऐं मृगतृष्णा व अनंत है जो हमे सदेव लालच राग द्वेष के मद मोह क्रोध की और उन्मुख करती है और हम फिर बंधन मे बंध जाते हैं । अत: सदेव जीव को “विषयों से अनासक्त जीवन जीकर ही हम जीवन को श्रेष्ठ बना सकते है। विषयों में आसक्त जीवन हमेशा अधोगति को प्राप्त होता है। आज कथा में विशिष्ट अतिथि द्वारकादास पंवार,प्रथ्वी सिंह पंवार,श्याम सुन्दर पंवार,राधेश्याम पंवार,व शिवकुमार पंवार गणमान्यजन का विशेष आतिथ्य रहा। कथा के मध्य बालसंत श्री छैल बिहारी महाराज जी का गंगाशहर निवासी “नेमीचंद सोनी द्वारा, एवं संगीता तंवर, व संजू पंवार के द्वारा माल्यार्पण कर श्रीफल शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया संस्थान संरक्षक हरिकिशन नागल ने बताया की भागवत कथा शुभारंभ तीसरे दिवस भागवत पुराण पोथी पुजन व बालसंत श्रीछैलबिहारी महाराज का तिलक पुजन मोहनीदेवी पंवार,दिनेशकुमार गहलोत सुनीता गहलोत लक्ष्मीनारायण गहलोत व शशिकला गहलोत ने सप्तनिक करवाया। कल कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जायेगा। आदि विभिन्न लोगों की उपस्थिति रही।भागवत कथा में सेवा श्रम हेतु ओमप्रकाश सोनी,आकाश सोनी, लविश गहलोत व हिमांन्शी गहलोत,नवरत्न धामू, हरिकिशन नागल, देेवकिशन गैपाल,ओम कलरिया नितेश आसदेव एवं पंडित शास्त्री रवि सारस्वत,नैना सोनी,लक्ष्मीकांत शशिकला गहलोत,संपूर्ण कथा मैं व्यवस्था का कार्य प्रभार संभाल रहे हैं।

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