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बीकानेर,राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले अब एक नई बहस छिड़ गई है. बहस ये है कि कौन चुनाव लड़ेगा और कौन नहीं लड़ेगा.

इसमें भी अपडेट यह है कि कुछ कांग्रेस के विधायकों ने अपनी उम्र का हवाला देकर चुनाव न लड़ने की बात कह कर जबदरस्त हवा दे दी है, जबकि कुछ विधायक ऐसे हैं जिन्होंने चुनाव लड़ने की बात की है.

अब एक तरफ जहां जिन विधायकों ने चुनाव न लड़ने की बात कही है उनकी उम्र 70 के पार है तो वहीं बीकानेर पश्चिम के विधायक बीडी कल्ला 73 साल और धोद के विधायक परसराम मोरदिया की उम्र 73 साल है. ये दोनों नेता चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं. इन दोनों नेताओं को अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है. इसके पीछे क्या सियासत हो सकती है? इसकी चर्चा तेज हो गई है.

‘मैं अभी स्वस्थ्य और फिट हूं’

पूर्व मंत्री परसराम मोरदिया अभी सीकर की सुरक्षित सीट धोद से कांग्रेस के विधायक हैं. उनकी उम्र 73 साल से अधिक हैं. मोरदिया ने खास बातचीत में कहा, मैं चुनाव लड़ूंगा. मैं स्वस्थ्य हूं और फिट हूं. मुझे कोई हरा नहीं सकता. मैं दूसरे की बात नहीं जानता. मेरी सीट पर मैं अभी विकास के कार्य करवा रहा हूं. मुझे लोग वहां पर पसंद करते हैं और प्यार देते हैं. पार्टी की तरफ से मुझे कुछ नहीं कहा गया है. इसलिए मैं अभी चुनाव की लड़ाई में डटा हूं और लडूंगा.” बता दें कि मोरदिया कई बार के विधायक हैं. उनपर भी लोगों की नजर बनी हुई है.

कोई लड़ाई में नहीं है’

इसी तरह कांग्रेस के कद्दावर नेता बुलाकी दास कल्ला अशोक गहलोत की सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. बीकानेर पश्चिम सीट से कई बार के विधायक हैं. कांग्रेस के बड़े चेहरे हैं. उनकी उम्र भी 73 के पार हैं, लेकिन उनसे जब पिछले दिनों जयपुर में पूछा गया कि क्या आप चुनाव लड़ेंगे? तो उन्होंने कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे. हमारी सीट पर कोई भी चुनाव नहीं लड़ने वाला है. बीजेपी या कांग्रेस से कोई टिकट नहीं मांग रहा है. वहीं कल्ला ने यह भी कहा कि मैं जीतने वाला कैंडिडेट हूं. इसके बाद से ही बीकानेर से जयपुर सियासत गरमाई हुई है.

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