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बीकानेर,जब आप बीकानेर के खाने के बारे में सोचते हैं तो भुजिया, चिवड़ा और रसगुल्ले के बारे में सोचने लगते हैं, बीकानेर की पहचान तो दुनिया भर में उसके चटपटे और सवादिस्ट नमकीन के स्वाद को लेकर है.यहां आपको एक से बढ़ कर एक आइटम मिलते हैं, जिनसे बीकानेर को दुनिया भर में पहचान दिया है. इनमें से ही एक बीकानेरी भुजिया का नाम सबसे अधिक आता है. बीकानेरी भुजिया की वजह से ही बीकानेर का एक बड़ा बन चुका है. इस भुजिया को आज दुनिया के ज्यादातर देशों में यहां से भेजा जाता है साथ ही यहां देश के हर एक कोने में इस भुजिया को खाया जाता है और इसकी भारी मांग रहती है.

बीकानेरी भुजिया की दीवानगी
बीकानेरी भुजिया आज हर एक घर की थाली में नजर आती है. इस भुजिया के लोग दीवाने तो ऐसे हैं कि किसी भी मौके पर या किसी भी स्थाान, किसी भी टाइम पर इस भुजिया को खाते रहते है. बीकानेर के लोग तो इस भुजिया को अपनी थाली से तो दूर ही नहीं कर पाते है और किसी भी समय इस भुजिया को खाने का बहाना ढूंढ़ते रहते हैं. इस भुजिया की दीवानगी इतनी है की प्रति वर्ष अकेले बीकानेर में इसका हजारों करोड़ का कारोबार होता है.

ऐसे बनती है स्पेशल बीकानेरी भुजिया
बीकानेर के परकोटे में भुजिया की कारोबार करने वाले ऋषि कुमार पुरोहित ने हमें बताया कि वे कई सालों से भुजिया बनाकर बेच रहें है. बीकानेर में भुजिया बहुत तरीके के मिलते है. बीकानेर एक भुजिया का हब बना चुका है. इसका कारण है कि यहां की आबो हवा ऐसी है कि यहां के वातावरण में भुजिया बनने पर ही स्वाद बढ़ जाता है. इसमें सबसे अधिक मोठ, मोगर, मूंगफली तेल या देसी तथा बेसन का उपयोग होता है. इन सब को मिलाकर कई प्रकार की भुजिया बनाई जाती है. पुरोहित जी बताते हैं कि उनकी दुकान पर रोजाना शाम में 100 किलो भुजिया बिक जाती है. उन्होंने बताया कि वे देसी घी में भी स्पेशल ​भुजिया बनाते हैं, जिनकी सप्लाई बाहर के देशों में की जाती है

सबसे सवादिस्ट भुजिया
यहां का खाना स्नैक्स और मिठाइयों से कहीं ज्यादा है, यहां भुजिया माइन यानी बारीक भुजिया, बड़ा भुजिया, तीन नंबर भुजिया मिलते है. इनमें कोई भुजिया मिर्च वाली तो कोई बिना मिर्च वाली होती है. इनमें से एक गांठिया, डांकोली, मिक्सर, चबानी भुजिया भी काफी मशहुर हैं. यहा मीठी चबानी और चटपटी चबानी भी मिलती है.

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