बीकानेर,जब से पॉलीथिन का चलन हुआ है तब से आज तक हम इसका उपयोग करने के आदि बनते जा रहे है,पहले इसका उपयोग हम बाजार से सब्जी,फ्रूट,सुखी खाद्य सामग्री लाने में ही करते थे,जबकि आज पॉलीथिन का उपयोग होटल से चाय लाने,किसी होटल ढाबे से दाल,सब्जी लाने,दूध दही लाने में उपयोग करते है,इसी तरह विवाह समारोह,मृत्यु भोज या किसी अन्य कार्यक्रमो में प्लास्टिक नीर्मित वस्तुओं का हम खाद्य सामग्री में जमकर उपयोग कर रहे है और यूज करने के बाद खाद्य सामग्री में उपयोग ली प्लास्टिक वस्तुएं हो यो दूध दही में उपयोग ली गई पॉलीथिन निर्मित थैलियां हो इसको आम रास्ते मे फेक देते है या किसी नाली नालों के हवाले कर देते है आपकी यही लापरवाही,अनदेखी का शिकार बेजुबान पशु होते है जिसमे ज्यादातर जिसे हम गौ माता कहते है,एक तरफ नारा गौ हमारी माता है दूसरी तरफ हमारी ही लापरवाही,अनदेखी के कारण हम उनको मरने के लिए उपयोग कर ऊक्त सामग्री उनके हवाले कर देते है क्या यह उचित है । इसी प्रकार पॉलीथिन का कई तरह से उपयोग कर घर के बॉहर आम रास्ते फेक कर अपनी इतिश्री कर लेते है ये ही पॉलीथिन हवा में उड़कर किसी नाली नालों में बहती हुई आये दिन नाली नालों को ब्लॉक करते हुवे गंदा पानी सड़को पर आ जाते है जहां मच्छर भिन्न भिन्नाते है और दूसरी और आये दिन सड़को पर पसरे गंदे पानी से साल में 2-3 बार सड़को की मरम्मत पर करोड़ो रूपये खर्च होते है,बेवजह के सरकारी पैसे की बर्बादी से हो रहे करोड़ो के नुकसान के कौंन जिम्मेदार,साथियों हम है,चाहे घटिया सामग्री की बात कहकर ठेकेदार,सरकारी अधिकारियों,नेताओ को कोश कर हम अपनी इतिश्री कर ले किन्तु उसके असली जिम्मेदार हम है,अगर आज हम इसका उपयोग बंद कर दे तो करोड़ो अरबो रुपये सड़को,नालियों की मरम्मत पर खर्च होते है इन्ही रुपयों से हमारे शहर में अच्छे और भी काम हो सकते है,दोस्तो अगर पॉलीथिन,प्लास्टिक नीर्मित वस्तुओं का इसी तरह हम उपयोग करते रहे तो एक दिन ऐसा आएगा हमारे शहर और आस पास के गांवों की उपजाऊ जमीन नही रहेगी ।
आओ हम सभी मिलकर आज ही संकल्प ले कि पॉलीथिन,प्लास्टिक नीर्मित वस्तुओं का उपयोग न करेंगे न किसी को करने देंगे । आज से न किसी गौ माता को हमारी गलती से मरने देंगे और न ही हमारी अनदेखी से किसी नाली नालों को ओवरफ्लो होने देंगे ।