बीकानेर,चिट्टा, स्मैक, अफीम, गांजा एवं इससे भी ज्यादा खतरनाक और जानलेवा नशा इन दिनों शहर में युवाओं को अपनी जद में ले रहा है। यह सब पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है। इन पर रोकथाम के लिए शहर का युवा अब सडक़ पर उतरेगा और नशे के कारोबार करने वालों पर कठोर कार्यवाही की मांग को लेकर जन आन्दोलन करेगा।इसकी शुरुआत सोमवार २८ अक्टूबर को ‘नशा रोको अभियान’ के अंतर्गत जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर की जाएगी। नशा रोको अभियान के आरंभ की रूपरेखा पर पत्रकारों को जानकारी देते हुए भगवान सिंह मेड़तिया ने यह बात सर्किट हाऊस में गुरुवार को प्रेसवार्ता के दौरान कही।
उन्होंने बताया कि एक शांत और सभ्य शहर जिसे छोटी काशी के नाम से जाना जाता है। आज उस शहर को लगता है, नशे का कारोबार करने वालों की नजर लग गई है। इसके चलते जो शहर अपने नमकीन और मिठाई के लिए प्रसिद्ध समझा जाता था, आज वह देश की राजधानी तक उड़ता बीकानेर के नाम से भी पहचाना जाने लगा है। इस पर प्रभावी अंकुश लगाने की आवश्यकता है और इसके लिए शहर के हर वर्ग का सहयोग लेकर नशेे की गिरफ्त से युवा पीढ़ी को बचाने का काम बगैर किसी बैनर के, बगैर किसी नेतृत्व के हम सबको मिलकर किया जाएगा। भगवान सिंह मेड़तिया ने कहा कि नशे के बढ़ते कारोबार के लिए पुलिस प्रशासन भी दोषी है, शहर के पुलिस थानों में लम्बे समय से एक ही स्टाफ रहने के कारण उन्हें हर किसी की जानकारी होती है। लेकिन, वह उन पर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। बल्कि कुछ तो बंदी के खेल में भी शामिल हैं, जिनकी वजह से नशा बेचने वालों के हौसले बुलंद है। हमारी मांग रहेगी कि ऐसे लम्बे समय से एक ही जगह पर जमा पुलिस कर्मियों का स्थानान्तरण किया जाए।
वहीं वेद व्यास ने बताया कि नशे का कारोबार शहर के मुक्ताप्रसाद, नत्थूसर गेट, ओडों का बास, भाटों का बास, गोचर भूमि, शहर की बगेचियां, खाली मैदान युवाओं के नशे का अड्डा बनकर रह गए हैं। हालात यह है कि स्कूल के बच्चों और बच्चियों को भी इसकी गिरफ्त में लिया जा रहा है। नशे के कारोबार पर प्रभावी अंकुश के लिए जन जागरण का अभियान चलाया जाएगा और यह बगैर किसी राजनीतिक दल के, सभी वर्ग के लोगों को साथ जोडक़र चलाया जाएगा। हमारा उद्देश्य है कि हमारा धार्मिक,सांस्कृतिक और सामाजिक संस्कृति के लिए प्रसिद्ध शहर नशे का नगर के नाम से जाना- पहचाना ना जाए। इसके लिए हमें शहर के प्रत्येक नागरिक का सहयोग चाहिए।
वार्ता में मानसिक रोग एवं नशा मुक्ति विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ असवाल ने नशा करने के वैज्ञानिक कारणों से अवगत कराते हुए, इसके उन्मूलन के बारे में विस्तार से बताया।
वार्ता में जसराज सींवर, बजरंग तंवर, संतोष पुरोहित,भवानी पाईवाल,भव्य भाटी,शुभम भोजकआदि मौजूद थे।