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बीकानेर,श्री श्री 1008 सींथल पीठाधीश्वर महंत क्षमाराम जी महाराज ने कहा है कि ज्ञानी से ज्ञानी, आस्तिक से आस्तिक, नास्तिक से नास्तिक और बुद्धिमान से बुद्धिमान व्यक्ति को भी नरक का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि ज्ञान, विचार आदि से तय नहीं होता है कि आप अच्छे हैं या बुरे। आपकी अच्छाई आपके नैतिक बल में छिपी होती है।

श्री गोपेश्वर भूतेश्वर महादेव मंदिर में चल रही पाक्षिक श्री मद्भागवत कथा में महंत जी ने शनिवार को सुखदेव जी द्वारा परिक्षित को कथा श्रवण कराते हुए नर्क लोक की अवस्थाएं बताने वाले प्रसंग सुनाए। महंत क्षमारामजी ने कहा कि धर्म, देवता और पितरों का अपमान करने वाले, तामसिक भोजन करने वाले, पापी, मूर्छित, क्रोधी, कामी और अधोगा‍मी गति के व्यक्ति नरकों में जाते हैं। पापी आत्मा जीते जी तो नरक झेलती ही है, मरने के बाद भी उसके पाप अनुसार उसे अलग-अलग नरक में कुछ काल तक रहना पड़ता है।निरंतर क्रोध में रहना, कलह करना, सदा दूसरों को धोखा देने का सोचते रहना, शराब पीना, मांस भक्षण करना, दूसरों की स्वतंत्रता का हनन करना और पाप करने के बारे में सोचते रहने से व्यक्ति का चित्त खराब होकर नीचे के लोक में गति करने लगता है और मरने के बाद वह स्वत: ही नरक में गिर जाता है। वहां उसका सामना यम से होता है।
महन्त जी ने सभी नर्क के नाम बताए और किस नर्क में व्यक्ति कौनसे कर्म करके जाता है, उसकी संपूर्ण व्याख्या की। महंत जी ने कहा मनुष्य अपने कर्मों से ही स्वर्ग या नरक की स्थिति को भोगता है। यदि वह बुरे कर्म करेगा को बुरी जगह और बुरी परिस्थिति में होगा और अच्छे कर्म करेगा तो अच्छी जगह और परिस्थिति में होगा।
संभागीय आयुक्त ने लिया दर्शन लाभ
श्री मद्भागवत कथा के आठवें दिन शनिवार को संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने कथा स्थल पहुंच कर भागवत दर्शन का लाभ लिया। उन्होंने गोपेश्वर भूतेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना भी की, इस दौरान हनुमान अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल सहित समिति के कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद थे।

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