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बीकानेर,इसमें कोई सन्देह नहीं, कि मोदी की निकिटता के कारण अर्जुन को बीकानेर से लोकसभा चुनाव लड़ने का टिकट मिल गया। वे मोदी जी के कारण जीतेंगे भी सही। वह चौथी बार जीत कर सांसद मनफूल सिंह भादू और डॉ. करनी सिंह का रिकॉर्ड भी तोड़ सकते हैं। उनको टिकट मिलने की ख़ुशी में उनके समर्थक जश्न मना रहें हैं। शानदार स्वागत हो रहा हैं आतिशबाजी छूट रही हैं। मानो वे जीत ही गए हो लेकिन अभी जीत की राह में कई रोड़े हैं। अभी बीकानेर की जनता उनसे सवाल कर रही हैं कि आख़िर उन्होंने बीकानेर के लिये किया क्या है ? सिवाय संसदीय राशि से पार्क- स्कूल- कम्यूनिटी सेण्टर- मन्दिर आदि के जीर्णोद्वार पर राशि देने के अलावा उस पर भी विशेष समुदाय का विशेष ध्यान रखा गया। बाक़ी क्या ?आपको सांसद और मन्त्री बने १५ साल हो गये। बीकानेर का नाम ज़रूर रोशन हुआ कि बीकानेर का अपना बन्दा देश का मन्त्री हैं। लेकिन हमारे यहाँ तो दिए तले अंधेरा ही रहा हैं। न तो रेल फाटको की समस्या का निदान आप करा सके और न ही नगर का अन्य कोई विकास। न बाईपास बना, न अंडरब्रिज बना, न ओवरब्रिज। ड्राइपोर्ट के लिए व्यापारी तरसते रहे। एरोड्रम का विस्तार भी आप ना करा सके। कभी दिल्ली जाने वाली या फिर कभी जयपुर जाने वाली फलाइट रुक जाती है। आप तो नाल एरोड्रम को जयपुर एरोड्रम जैसा बनाने वाले थे। आपकी चुनाव में पहली प्राथमिकता शहर में रेल फाटको के बारबार बंद होने से दुखदायी जनता को छुटकारा दिलाने की थीं । वो चुनाव जीततै ही हवा हो गई। आप भूल गए। बीकानेर में हाईकोर्ट बेंच स्थापना की जगह आपने- ई- बेंच खोलने का झुनझुना पकड़वा दिया। बीकानेर की कुछ छोटी- बड़ी समास्यों की और भी आपका ध्यान आकर्षित करा देना भी हमारा फ़र्ज़ है। हमारी धरोहर गंगा थियेटर आज जर्जर हाल में हैं जहां कभी पृथ्वीराज कपूर ने नाटत्क खेला था शानदार सिनेमा हॉल था उसकी हालंत देखकर रोना आता हैं हमारा जू – जहाँ से शेरों की दहाड़ पूरे शहर में सुनाई देती थी। उस चिड़ियाघर का अब कोई अता- पता नहीं हैं। सुरसागर शहर का कलंक बना हुआ हैं और वह सोन्द्रयकरण के नाम पर हर साल करोड़ो रू. रुपये डकार जाता है। दुख तो इस बात का है कि बीकानेर में आज तक एक भी सीटीबंस नहीं चली। टेम्पो और थ्रीव्हीलर वालो की मोनोपोली है। यहाँ टूटी हुई सड़के हैं सड़को पर बहता गंदा पानी हैं। बदहाल सीवरेज सिस्टम हैं। ज़रा सी बरसात होते ही नगर बाढ़ का रूप ले लेता हैं। यह भी दुर्भाग्य हैं कि बीकानेर का सूचना केंद्र डाक बंगले में चल रहा हैं। जबकि राजस्थान के २८ जिलो में सूचना केन्द्र के अपने भवन हैं उनमें लाइब्रेरी- पुस्तकालय- वाचनालय- रंगमंच- कलादीर्घा – कॉन्फ़्रेस रूम आदि अनेक सुविधाएँ हैं। लेकिन बीकानेर को अभिशाप मिला हुआ है कि वो जोधपुर, जयपुर, कोटा, उदयपुर, अजमेर सम्भाग जैसे विकसित और सुन्दर नगर का स्वरूप वह नहीं ले सकता? क्योंकि यहाँ के नेताओ में मादा ही नहीं रहा। ख़ैर बीकानेर समस्यों का गढ़ है। जिसका हल अभी तक कोई नहीं निकाल रहा। लेकिन इस बार आप से उम्मीद भी हैं और इल्तजा भी। साथ में यहाँ के नागरिकों से अपील भी , कि आप अपने उम्मीदवार को वोट देने से पहले यह ज़रूर पूछे कि उसने हमारे लिए क्या किया ? हमारे बच्चों की पढ़ाई के लिए क्या किया? हमारी बीमारी के इलाज के लिए क्या किया? रोज़गार देने के लिए क्या किया? अपने शहर के लिए क्या किया? अपने देश के लिए क्या किया? सही जवाब मिल जाए और आदमी ज़बान का पक्का दिखे तो वोट ज़रूर कीजिएगा। वरना मोदी जी के कारण अर्जुन जी तो जीतेंगे ही। क्योंकि जेठानन्द जी मोदी जी की वजय से जीत ही चुके हैं। फ़िलहाल सारा दारामदार आपकी सोच पर है। आपकी उँगली पर है वो पाँच सालों के लिए आपके भविष्य के लिए कहा टच होती है।

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