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बीकानेर,राज्यपाल कलराज मिश्र की तीन दिवसीय बीकानेर यात्रा से लोग उत्साहित है। महामहिम की यह तीन दिवसीय यात्रा विश्वविद्यालय केंद्रित है। शायद पहले कुलाधिपति हैं जो विश्वविद्यालयों पर इतना ध्यान दे रहे हैं। महामहिम लोकतंत्र में जनता के माई बाप हैं। राज्यपाल आते ही बीकानेर के चारों कुलपतियों की बैठक लेंगे। इस बैठक से विश्वविद्यालय शिक्षा के विकास को दिशा मिलेगी ही। विश्विद्यालयों का सच भी कुलाधिपति के आंखों के सामने आ जाएगा। सच को कोई नकार थोड़े ही सकते हैं। पर्दा डाला जा सकता है। राजस्थान में गहलोत सरकार ने विश्वविद्यालयों पर कितना ध्यान दिया है वो भी कुलाधिपति बैठक के दौरान जान पाएंगे । विश्वविद्यालयों की दशा निश्चित रूप से ठीक नहीं है। इसके लिए केवल कुलपतियों को दोष देना उचित नहीं है। इसके लिए पूरी व्यवस्था जिम्मेदार है। चारों विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के वर्षों से कमोबेश आधे पद रिक्त चल रहे हैं, तो शिक्षा का क्या हश्र हो रहा है। इसे हर कोई समझ सकता है। कुलपतियों के विश्वविद्यालय शिक्षा के विकास में दिए जा रहे योगदान का बैठक में आकलन किया जा सकता है। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय को एनएएसी से सी ग्रेड मिला है। यह अपने आप में प्रमाणिक रूप से विश्वविद्यालय के हालत को दर्शाती है। यह स्थिति तब है जबकि विवि की स्थापना को दो दशक पूरे होने जा रहे हैं। विश्वविद्यालय में 17 शिक्षक स्थाई और एक प्रतिनियुक्ति पर है। विद्यार्थी मात्र 1200 हैं। चार नए विभाग दो वर्षों से गेस्ट फैकल्टी के हवाले हैं। सभी विभागों में कहने को स्मार्ट क्लास है। राजनीति ज्यादा और शिक्षा पर कम ध्यान देने की शिकायतें हैं।ढांचागत विकास जरूर है विद्यार्थी और शिक्षकों की संख्या नहीं बढ़ रही है। फिर ये संविधान पार्क, अहिंसा पार्क, विवेकानंद पार्क किसके लिए हैं ? ऑडिटोरियम, स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स, हास्टल बने तो हैं पर खाली पड़े हैं। कृषि विश्वविद्यालय की आई सी ए आर की रेंकिंग और एक्रिडेशन रिकार्ड से वास्तविकता सामने आ जाएगी। तीन सालों में विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कितने प्रोजेक्ट मिले हैं। इस से भी धरातल समझ में आ जाएगा। ऐसा ही तकनीकी विश्व विद्यालय के बारे में आकलन किया जा सकता है। केवल ढांचा विश्व विद्यालय नहीं हो सकता। इधर कुछ कुलपतियों के खिलाफ विभिन्न स्तरों पर शिकायतें भी की गई है। राजस्थान महिला आयोग का कुलपति के खिलाफ टिप्पणी और कार्रवाई की अनुशंसा का पत्र भी कुलाधिपति को भेजा है। राजस्थान सरकार की भी विश्व विद्यालयों के प्रति अनदेखी रही होगी। खैर जो भी है अब कुलाधिपति के आ जाने से सुधार होगा और अच्छा भी होगा।
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