बीकानेर.सरकारी स्कूलों में संसाधनों व शिक्षकों की कमी के चलते तालाबंदी की खबरों के बीच यह खबर तपती धूप में शीतल बयार की तरह है। राजस्थान की जिज्ञासु भावी पीढ़ी ने खासतौर पर विज्ञान के क्षेत्र में अपनी रुचि का लोहा मनवा कर राजस्थान को गर्व करने का एक मौका प्रदान किया है। दरअसल, तमाम कठिनाइयों के बाद भी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों ने इंस्पायर अवार्ड योजना के तहत मिले अवसर को लपकते हुए विज्ञान के प्रति अपनी लगन से राष्ट्रीय फलक पर अपना और राज्य का नाम रोशन किया है। तथ्य यह है कि इंस्पायर अवार्ड योजना के लिए सबसे अधिक नामांकित होने वाले अपने राज्य के युवा वैज्ञानिक (विद्यार्थी) ही हैं। हालांकि, जब यह योजना शूुरू हुई थी, तो कम ही नामांकन सामने आते थे, लेकिन धीरे-धीरे शिक्षा का प्रचार-प्रसार होने लगा और विद्यार्थियों की रुचि भी विज्ञान के प्रति जागृत होने लगी। नतीजा यह है कि आज पूरे देश में अगर कहीं से सबसे अधिक नामांकन होता है, तो वह राजस्थान ही है। साल 2019-20 के सत्र में जहां नामांकन की संख्या लगभग 25 हजार के आसपास थी, तो अब यह लगभग पौने दो लाख तक का आंकड़ा छूती दिखाई दे रही है। चयनितों की संख्या में भी लगभग इसी अनुपात में बढ़ोत्तरी हुई है। सत्र 2019-20 में जहां दो हजार के आसपास बच्चों का चयन हुआ था, वहीं अब यह आंकड़ा 10 हजार के पार पहुंच चुका है।
मॉडल के लिए दस हजार की राशि
अगर किसी बच्चे का चित्र मानकों पर खरा उतरता है, तो उसके आधार पर मॉडल बनाने को कहा जाता है। इसके लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिक मंत्रालय संबंधित बच्चे के बैंक खाते में दस हजार रुपए जमा कराता है। प्रति वर्ष देश भर से एक लाख बच्चों को दस हजार रुपए की छात्रवृत्ति इस मद में दी जाती है। फिर मॉडल का तीन स्तरों जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर चयन किया जाता है। अगर मॉडल पूर्ण रूप से काम आने वाला है, तो इसका पेटेंट कराया जाता है। इंस्पायर अवार्ड के लिए एक स्कूल से पांच आइडिया तैयार किए जाते हैं। इनमें से बेस्ट आइडिया का चयन किया जाता है।
हर साल बढ़ रही नामांकितों की संख्या
सरकारी स्कूलों से हर साल इंस्पायर अवार्ड के लिए नामांकन की संख्या बढ़ रही है। अगर चार शिक्षा सत्रों के नामांकन की बात करें, तो पूरे देश में सबसे अधिक नामांकन राजस्थान के विद्यार्थियों का है। क्या है इंस्पायर अवार्ड योजना
विज्ञान एवं प्रौद्योगिक मंत्रालय तथा नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन अहमदाबाद द्वारा शुरू किए गए इंस्पायर अवार्ड के तहत विज्ञान में बेहतरीन प्रतिभावान छात्रों को आकर्षित करने का प्रयास किया जाता है। साथ ही बच्चे के मन में विज्ञान संबंधी रोजगार भी चुनने की ललक जगाई जाती है। किसी भी आविष्कार के लिए पहले स्कूली बच्चे आइडिया के आधार पर चित्र बनाते हैं। इन चित्रों को स्कूल स्तर पर चयन कर विज्ञान एवं प्रौद्योगिक मंत्रालय भेजा जाता है। मंत्रालय उन चित्रों का ही चयन करता है, जो समाज के लिए उपयोगी होते हैं। इसके लिए गठित एक टीम इस चित्र को सभी कोणों से देखकर और भविष्य में इसके उपयोग को ध्यान में रखते हुए चयन करती है।
अवार्ड के लिए प्रति वर्ष नामांकन
वर्ष नामांकन चयनित
2019-20 25444 2019
2020-21 150240 8027
2021-22 176324 10019
2022-23 165825 प्रक्रियाधीन
विद्यार्थियों की रुचि बढ़ी
सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति दिनों दिन रुचि बढ़ रही है। यह अच्छा संकेत है। शिक्षक भी अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। गत दिनों बीकानेर के एक छात्र अभयप्रताप सिंह शेखावत का राष्ट्रीय स्तर पर चयन भी हुआ है। नामांकन की संख्या भी बढ़ रही है।
– गौरव अग्रवाल, शिक्षा निदेशक