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बीकानेर, बुधवार,धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण कैलाश मानसरोवर यात्रा पूर्ण कर बीकानेर लौटे कैलाशी योगेश झा का बुधवार को रेलवे स्टेशन पर भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में परिजन, मित्रगण और समाजजन उपस्थित रहे। पुष्प वर्षा, माल्यार्पण और ढोल-नगाड़ों की ध्वनि के बीच कैलाशी झा का स्वागत किया गया।

कैलाशी योगेश झा ने 8 अगस्त को इस पवित्र यात्रा की शुरुआत की थी। यात्रा के दौरान उन्होंने 17 से 19 अगस्त तक तीन दिवसीय पैदल परिक्रमा कर कठिन हिमालयी मार्गों को पार किया। यह परिक्रमा हर श्रद्धालु के लिए तपस्या समान मानी जाती है, क्योंकि ऊंचे-ऊंचे बर्फीले पर्वत, ऑक्सीजन की कमी और कठिन मौसम इसे बेहद चुनौतीपूर्ण बना देते हैं। इसके अलावा मानसरोवर ताल की 90 किलोमीटर लंबी परिक्रमा बस से दो दिनों में पूरी की गई।

पूरे कार्यक्रम में कुल 8 दिन चीन में (14 से 22 अगस्त) व्यतीत करते हुए श्रद्धालुओं ने कैलाश पर्वत के दिव्य दर्शन किए। यात्रा का समापन 25 अगस्त को गाजियाबाद स्थित मानसरोवर हाउस में हुआ। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने कैलाश पर्वत और मानसरोवर ताल की अलौकिक आभा का अनुभव किया और इसे जीवन का अविस्मरणीय क्षण बताया।

बीकानेर रेलवे स्टेशन पर स्वागत करने वालों में दिनेश गुप्ता, रामदेव, के.के. पारीक, मूल जी, रजत, अमित, लोकेश तनेजा, अमित धवल, सूरज , जेठू, गौरव, अमित सोनी, लखन, रामकिशन, राहुल , रामचंद्र मोदी, लक्ष्य सहित परिवारजन पिता मुन्ना लाल पत्नी डोली, बच्चे हुन, वेदांशी, पारुल, बहन नेहा एवं सभी मित्रगण मौजूद रहे। परिजनों और मित्रों ने कहा कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा केवल एक तीर्थयात्रा ही नहीं, बल्कि जीवन को आध्यात्मिकता और ईश्वर के प्रति समर्पण की ओर ले जाने वाला अनुभव है।

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