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बीकानेर,आमजन को बेहतर क्वालिटी की दवाइयां मिल सके और जान बचाने वाली दवाइयों में किसी तरह के हानिकारक तत्व ना हो इसके लिए राज्य में ज्यादा से ज्यादा ड्रग टेस्टिंग लैब चाहिए होती है.राजस्थान में अब सालों के इंतजार के बाद अगले महीने से प्रदेश में तीन नई ड्रग टेस्टिंग लैब शुरु होने जा रही है.

इस प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नई ड्रग टेस्टिंग लैब में एनालिस्ट की नियुक्ति भी कर दी है. नई ड्रग टेस्टिंग से एक ओर जहां सैम्पल जांच की पेंडेंसी कम हो पाएगी तो जयपुर स्थित लैब को भी और मजबूत किया गया है. राजस्थान में नकली दवाओं की जांच के लिए प्रदेश में अब तक जयपुर में एकमात्र ड्रग टेस्टिंग लैब थी, जिसका सीधा असर सैम्पल जांच की स्पीड पर पड़ रहा था.

एक मात्र लैब होने के कारण सैम्पल जांच की पेंडेंसी हजारों में पहुंच गई थी, जिसका सबसे बड़ा खामियाजा यह था कि जब तक नकली दवाओं की जांच रिपोर्ट सामने आती थी तब तक दवाएं मरीजों को सप्लाई हो जाती थी, लेकिन सालों से किए जा रहे प्रयासों के बाद भी प्रदेश में तीन नई ड्रग टेस्टिंग लैब का काम पूरा नहीं हो पाया था.

अब जोधपुर, बीकानेर और उदयपुर में तीन नई ड्रग टेस्टिंग लैब अगले महीने यानी में शुरू होने जा रही है. ड्रग एंड फूड कमिश्नर सुनील शर्मा ने बताया कि तीनों लैब में राज्य सरकार ने एनालिस्ट नियुक्त कर दिए हैं. भवन और मशीनें पहले से उपलब्ध हैं, इसलिए अगस्त के पहले सप्ताह से दवाओं के सैंपल की जांच का काम शुरू हो जाएगा.

इन तीन नई लैब के शुरू किए जाने के साथ ही जयपुर स्थित लैब को भी मजबूत किया जा रहा है. ड्रग एंड फूड कमिश्नर सुनील शर्मा ने बताया कि जयपुर लैब में कैपेसिटी बढ़ाई जा रही है. उन्होंने बताया कि जयपुर लैब में फार्मासिस्ट की नियुक्तियों के साथ सात नए एनालिस्ट लगाए गए हैं. उन्होंने दावा किया कि अगले चार महिनों में सैंपल जांच की पेंडेंसी खत्म हो जाएगी.

दरअसल राजस्थान में फिलहाल पांच हजार से अधिक सैम्पल्स की जांच पेंडिंग चल रही है. एक ही लैब होने के चलते जांच का काम प्रभावित हो रहा था. उधर, सालों से तीन नई लैब शुरू किए जाने की कवायद चल रही थी, लेकिन अब एनालिस्ट की नियुक्तियों से उम्मीद बंधी है कि बीकानेर, जोधपुर और उदयपुर में नई लैब शुरु हो जाएगी और हजारों मरीजों को क्वालिटी दवाएं उपलब्ध हो पाएंगी.

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