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बीकानेर,राजस्थानी-हिन्दी के कवि-कथाकार-समालोचक रवि पुरोहित को डूंडलोद विद्यापीठ के प्रतिष्ठित राजस्थानी भाषा साहित्य सम्मान से समादृत किया जाएगा। इस आशय की जानकारी देते हुए विद्यापीठ के सचिव मुकेश पारीक ने बताया कि राजस्थानी भाषा, साहित्य व संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय अवदान के लिए राष्ट्रीय स्तर दिए जाने वाला डीवीपी संस्थान का इस वर्ष का साहित्य सृजन सेवा सम्मान कविता, कहानी, व्यंग्य, आलोचना, अनुवाद, लघुकथा व सम्मादन के लिए लोकप्रिय बीकानेर के साहित्यकार रवि पुरोहित को निर्णायक मण्डल के सर्व सम्मत निर्णय के तहत 16 अक्टूबर 2023 डूंडलोद में आयोज्य भव्य वार्षिकोत्सव में अर्पित किया जाएगा । डॉ. हेतु भारद्वाज की अध्यक्षता में श्याम महर्षि, डॉ. के डी यादव, रमाकांत शर्मा, मुकेश पारीक, सतीशचन्द्र कर्नाटक एवं सीताराम जीनगर की सदस्यता में आहूत आयोजन समिति की बैठक में लिए गये निर्णय की जानकारी देते हुए सचिव पारीक ने बताया कि इस वर्ष की संगोष्ठी पाठ्यक्रम में बदलाव की प्रक्रिया – साहित्यिक परिप्रेक्ष्य में विषय पर केन्द्रित होगी। पुरोहित के अलावा हिन्दी साहित्य सृजन के लिए समालोचक राजाराम भादू एवं रजनी मोरवाल, जयपुर को भी सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक सम्मानित साहित्यकार को सम्मान स्वरूप इक्कीस हजार रुपए की नगद राशि , शॉल, रजन श्रीफल और अभिनन्दन-पत्र अर्पित किये जायेंगे।

साहित्य अकादमी, दिल्ली, राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर, राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर, राजस्थान सरकार, रोटरी क्लब के काव्य पुरस्कार, हिन्दी साहित्य संसद, चूरू, महेन्द्र जाजोदिया पुरस्कार, दिल्ली सहित देश-प्रदेश की अनेक संस्थाओं से रवि पुरोहित को सम्मानित-पुरस्कृत किया जा चुका है और विभिन्न विधाओं की 20 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। पुरोहित की राजस्थानी काव्य कृति ‘उतरूं ऊंडै काळजै’ की रचनाओं का हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी, संस्कृत, स्पेनिश, मराठी, बांग्ला, उड़िया, तेलगू और नेपाली सहित कई भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं और 4 भाषाओं में तो पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित हो चुके हैं ।

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