बीकानेर,स्वतंत्र पत्रकार,लेखक मोहन थानवी के पिता श्री रामचंद्र जी थानवी के निधन पर बीकानेर के पहलवान संगठनों ने शोक प्रकट करते हुए आत्मीय भाव से श्रद्धांजलि दी है। पत्रकार मोहन थानवी के व्हाट्सएप नं.पर शोक संदेश के माध्यम से पहलवानों ने गहरा शोक प्रकट करते हुए अपना संदेश भेजा। संदेश में पहलवानो ने बताया कि सोशल मीडिया एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से पता चला कि पत्रकार मोहन थानवी के पिताजी का निधन हो गया। अखिल भारतीय माल्हा भारोत्तोलन संघ के प्रदेश अध्यक्ष पहलवान महावीर कुमार सहदेव,बीकानेर जिला कुश्ती संगम के अध्यक्ष कमल कल्ला, अरुण कुमार पांडे कुश्ती संगम संरक्षक,मान सिंह जी सियाग संरक्षक जिला कुश्ती संगम,पहलवान जगनजी पूनियां जिला कुश्ती संगम सचिव,पहलवान महेंद्र सिंह जी चौहान उपाध्यक्ष जिला कुश्ती संगम, नारायण सिंह भुट्टा,नेमपाल सियाणा,मूलचंद जी ब्राह्मण स्वर्णकार, राजेंद्र सिंह राठौड़ देसी व्यायाम विशेषज्ञ, पहलवान रोमन घोड़े़ला,भवानी सिंह कानासर ढाणी, नारायण सिंह भूट्टा, पहलवान सवींन लांबा, रामप्रताप छोटू पहलवान, पहलवान राम प्रसाद पुलिस,अमर सिंह ट्रॉमा, लक्ष्मण सारस्वत व समस्त पहलवान एवं पदाधिकारी जिला कुश्ती संगम बीकानेर, पटेल बाल विहार व्यायाम शाला बीकानेर की ओर से भी दुख प्रकट करते हुए श्रद्धांजलि दी है। पहलवान महावीर कुमार सहदेव ने बताया कि इस संसार में जो भी आया है उसको जाना है लेकिन समाज व परिवार के लिए कुछ कर कर जाने वाले को बहुत याद किया जाता है और ऐसा ही पत्रकार मोहन थानवी के पिताजी ने किया सदा ही इनकी यादें स्मृतियां हमेशा रहेगी। छोटा बच्चा हो या बड़ा व्यक्ति पिता तो पिता ही होते हैं, सर पर पिताजी का साया उठ जाना एक प्रकार से एक परिवार के लिए छत्र भंग ही हो जाता है। इस धरती पर आने और जाने का जो प्रारब्ध भगवान ने बनाया है उसी के अनुसार सभी जीव चलते है। रिश्ते नाते एवं मोह के बंधन में हम सभी बंधै होते हैं और मोह और आदमी के कर्म के कारण हम एक दूसरे का भले एवं बुरे का निष्कर्ष निकाल सकते हैं और उन्हीं के अनुसार ही हम जाने वाले व्यक्ति को याद करते हैं। जैसे किराए का मकान खाली करना पड़ता है वैसे ही यह मनुष्य शरीर है, इसको छोड़ना ही पड़ता है। रिश्ते नाते एवं अच्छे कर्मों की वजह से जब भी कोई हमारे बीच से भगवान को प्रिय हो जाता है तो हमें दुख भी होता है और उनकी यादें हमेशा आती रहती है,मन विचलित होता रहता है। स्वर्गीय श्री रामचंद्र जी भी मनुष्य जाति में सर्वश्रेष्ठ मनुष्यों की गिनती में आए क्योंकि उन्होंने समाज परिवार व मानवता के लिए अच्छे कर्म किए। पहलवान जगन पूनिया ने अपने शोक संदेश में कहा कि पत्रकार मोहन थानवी के पिता के बारे में मैंने पढा मुझे भी उनसे जीवन में कुछ करने की प्रेरणा मिली,मानवीय शरीर है इसलिए दुख मुझे भी हुआ चाहे वह वृद्ध थे लेकिन फिर भी एक परिवार के बड़े छत्र मुखिया थे। मैं अपने संगठन की ओर से पुन: सादर श्रद्धांजलि देता हूं।