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बीकानेर,मां दुर्गा की विदाई का समय आ गया। श्रद्धालुओं के चेहरे पर चमक है, तो मां के जाने की उदासी भी आंखों में दिख रही है। हर कोई देवी माता से अगले वर्ष फिर से आने की अरदास लगा रहा है। दुर्गापूजा महोत्सव का। रानी बाजार स्थित बंगाली संस्था के मंदिर मंे आज बंगाल की संस्कृति साकार हो उठी। एक सरीखी वेशभूषा में सजी-संवरी विवाहिता महिलाएं देवी माता के सिन्दुर अर्पित कर अपने अखंड़ सुहाग की कामना कर रही थी।

आज माता की विदाई का समय है, ऐसे में देवी मां के सम्मान में महिलाएं एक दूसरे के साथ सिन्दुर की होली खेल रही है। सिन्दुर खेला की परम्परा को आज बीकानेर में भी पूरी आस्था और परम्परा के अनुसार मनाया गया। मां के आगे श्रृंगार की सामग्री, साड़ियां, प्रसाद की भेंट रखी गई। संस्थान के बिश्वजीत घोषाल ने बताया कि अपराह्ान तीन बजे के बाद देवी प्रतिमा को विसर्जन के लिए देवी कुंड सागर तालाब ले जाएंगे। जहां पर मां से अगले साल फिर हंसी.खुशी के साथ आने की कामना के साथ विसर्जन करेंगे। बंगाली मंदिर संस्थान से जुड़ी रिंकूू मुखर्जी ने बताया कि महिलाओं के इस महोत्सव में आज का दिन सबसे खास है। आज देवी माता दुर्गा की विदाई हो रही है, इसलिए सभी मिलकर मां से अखंड सुहाग और परिवार में खुशहाली बनाए रखने की कामना कर रही है।

भीतरी परकोटा में भी कई स्थानों पर दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है। जहां आज पूर्णाहुति से पूर्व मां की पूजा अर्चना चल रही है। रत्ताणी व्यास चौक स्थित विष्णुलाल देरासरी के निवास पर सजे देवी के दरबार में आज पूजा अर्चना के बाद हवन हुआ। इसमें श्रद्धालुओं आहुतियां दी। महिलाओं ने देवी माता के सिन्दुर और श्रृंगार सामग्री भंेट रखी। साथ ही सूरदासाणी गली, मोहता चौक, लखोटिया चौक, नत्थूसर गेट के अंदर, जस्सूसर गेट के अंदर, तेलीवाड़ा सहित शहर में कई स्थानों दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है। जहां पर आज पूजा-अर्चना के बाद देवी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। सोमवार को रात को नवमी के दिन कई स्थानों पर कन्याओं को भोजन कराया गया।

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