बीकानेर, जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री पार्श्वचन्द्रसूरि गच्छ की साध्वीश्री मरुतप्रभा की स्मृति में आसानियों के चौक के रामपुरिया मोहल्ले के श्री पार्श्वचन्द्रगच्छ बड़ा उपासरा में पांच दिवसीय (पंचान्हिका महोत्सव.) में मंगलवार को साध्वीश्री पद्मप्रभा व सुव्रताश्री के सान्निध्य गुरुदेव श्री पार्श्वचन्द्र सूरि का महापूजन भक्ति गीतों व मंत्रोंच्चारण के साथ किया गया। शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रम में ’’महासती चंदन बाला’’ नाटक का मंचन हुआ तथा भजनों की प्रस्तुतियां हुई। पूजा स्थल पर जैन विधि अनुसार मंडप स्थापित किया गया।
जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री पार्श्वचन्द्रसूरि गच्छ के अध्यक्ष रविन्द्र रामपुरिया ने बताया कि साध्वीश्री सुव्रताश्रीजी के नेतृत्व में संघ के आई.पी.एस. राजा बांठिया, प्रमोद गोलछा व सौरभ राखेचा ने जैन विधि से पूजन करवाया। पूजा के लाभार्थी त्रिलोकचंद, हीरालाल, पारसमल, रविन्द्र कुमार रामपुरिया परिवार था। बुधवार को सुबह नौ बजे वृहद शांतिस्नात्र महापूजन होगा, जिसके लाभार्थी सुन्दरलाल धनपत िंसंह व शिखरचंद बांठिया परिवार होगा।
जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री पार्श्वचन्द्रसूरि गच्छ के मंत्री प्रताप रामपुरिया ने बताया कि शाम को हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में भगवान महावीर की शिष्या साध्वीश्री, महासति चंदन बाला के जीवन, देव, गुरु व धर्म के प्रति समर्पण का नाटक ’’महासती चंदन बाला का मंचन किया गया। नाटक में 17 पात्रों ने अपना प्रभावी किरदार निभाया। श्रीमती सोनू व भारती रामपुरिया के निर्देशन में जीव हिंसा को देखकर अपने शादी का विचार त्यागकर संयम अंगीकार करने वाले भगवान नेमीनाथ के जीवन आदर्शों पर आधारित प्रेरणा गीत पर प्रियंका बांठिया, कल्पना बांठिया, श्वेता बांठिया, भारती रामपुरिया व कल्पना दुगड ने नृत्य किया। पार्श्वचन्द्र महिला मंडल ने तीन पैरोड़ी गीतों के जैन धर्म के प्रमुख तीर्थों के दर्शन करने, देव, गुरु व धर्म के प्रति निष्ठा व श्रद्धा रखने का संदेश दिया। दादा साहेब पार्श्वचन्द्र पर संवाद श्वेता व सविता बांठिया ने करते हुए उनकी वंदना की तथा संक्षिप्त जीवन वृत प्रस्तुत किया।
साध्वीश्री के परिजन व बी.डी.कल्ला हुए पूजा में शामिल
शिक्षामंत्री डॉ.बुलाकी दास कल्ला, सुमित कोचर व साध्वीश्री मरुत प्रभा के सांसारिक परिवार के सदस्यों झझू, कोलायत के सेठिया परिवार के साथ जैन श्वेताम्बर श्री खरतरगच्छ, तपागच्छ के अनेक सदस्यों ने भगवान पार्श्वनाथ की पूजा में शामिल होकर वंदना की।