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बीकानेर, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की वरिष्ठ साध्वी प्रज्ञा भारती, महामांगलिक प्रदात्री चन्द्रप्रभा की शिष्या बीकानेर मूल की साध्वीश्री प्रभंजनाश्री, व सुव्रताश्री (दोनों सांसारिक बहने) ने अपनी सहवृति साध्वीश्री चिद्यशा, कलानिधि, श्रद्धानिधि व नूतन साध्वीश्री कृतार्थ निधिश्रीजी के सान्निध्य में मंगलवार चैत्य पूर्णिमा को सुबह आठ बजे से करीब तीन घंटें तक विशेष आराधना व क्रिया करवाई जाएगी।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा व जिनेश्वर युवक परिषद के मंत्री मनीष नाहटा ने बताया कि उपाश्रय के अधिष्ठायक देव भगवान अजीतनाथ, आदिनाथ, पार्श्वनाथ व क्षमाकल्याणजी महाराज के सान्निध्य में आराधना के दौरान 5 चैत्यवंदन, 150-150 परिक्रमा, जाप सहित विविध धार्मिक अनुष्ठान होंगे। सोमवार को साध्वीश्री प्रभंजनाश्रीजी ने प्रवचन में कहा कि 84 लाख योनियों में मानव जीवन, जैन धर्म मिलना कठिन है। मानव जीवन का सदुपयोग करें तथा इसको देव, गुरु व धर्म की साधना, आराधना व भक्ति में लगे। अपने में व्याप्त बुराइयों व कमियों को दूर करें ।
गौर तलब है कि साध्वीश्री प्रभंजनाश्रीजी ने रविवार को 11 वर्षों के बाद अपनी सांसारिक बहन साध्वीश्री सुव्रताश्री व अन्य 4 साध्वियों के साथ नगर प्रवेश किया था। बीकानेर मूल की साध्वियों की सांसारिक माता व विचक्षण महिला मंडल की प्रमुख श्राविका मूलाबाई दुगड़ ने बताया कि इन दोनों ने 1981 व 1986 में साध्वीश्री चन्द्रप्रभा से बीकानेर में ही पांच महाव्रत धारण किया। उन्होंने बताया कि पालीताणा, गिरनार सहित विभिन्न तीर्थों की वंदना करते हुए हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए बीकानेर पहुंची हैं

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