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बीकानेर,वेटरनरी विश्वविद्यालय के तीनों संगठक महाविद्यालयों एवं विभिन्न इकाईयों में शनिवार को विश्व पशुचिकित्सा के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विश्व पशु चिकित्सा दिवस इस वर्ष “पशुचिकित्सक आवश्यक स्वास्थ्य कार्यकर्ता” विषय पर मनाया गया। कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने विश्व पशुचिकित्सा दिवस की सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन पशुचिकित्सकों के पशु रोग निदान, त्याग, कर्तव्य एवं समाज के उत्थान में योगदान हेतु महत्ती भूमिका को याद करने का दिन है। प्रो. गर्ग ने कहा कि वेटरनरी प्रोफेशन का कार्यक्षैत्र एवं महत्व बहुत व्यापक है। मनुष्य एवं पशुओं में संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोकने, सुरक्षित खाद्य उपलब्धता करवाने, पशु संरक्षण एवं उत्पादकता बढ़ाने में विश्व स्तर पर आज वेटरनरी प्रोफेशन की महत्ती आवश्यकता को महसूस किया जाने लगा है। आज एकल स्वास्थ्य मिशन की परिकल्पना बिना वेटरनरी के योगदान के अधूरी है। प्रो. गर्ग ने कहा कि भारत आदिकाल से ही ज्ञान एवं कला का भण्डार रहा है। हमें हमारे चिकित्सकिय एवं रोग निदान क्षेत्र में पौराणिक ज्ञान के संचय को समझने एवं नवीन शोधो के प्रमाणीकरण एवं लेखन की बहुत आवश्यकता है। हमें नवीन शोध तकनीकों एवं रोग निदान विद्याओं के उन्नत ज्ञान से पशुओं एवं मानव में फैलने वाली संक्रामक बीमारियों को नियंत्रण करके समाज हित में अपना अमूल्य योगदान देने की आवश्यकता है। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वेटरनरी कॉलेज, बीकानेर के एल्युमिनाई डॉ. राजेश कटोच, अधिष्ठाता, वेटरनरी कॉलेज जम्मु ने परजीवी संक्रामकता पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया और बताया कि परजीवी संक्रामकता के कारण ना केवल आज पशुओं में उत्पादन ह्रास हो रहा है अपितु मनुष्यों में भी संक्रामकता का व्यापक असर देखा जा रहा है। पशुचिकित्सक इन परजीवी रोगों के बारे में आमजन को जागरूक करके समाज में अपना अमूल्य योगदान दे सकते है। प्रो. कटोच ने विद्यार्थियों को निष्ठावान, संघर्षशील एवं चरित्रवान बनने का संदेश भी दिया। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि वेटरनरी कॉलेज, बीकानेर की एल्युमनाई डॉ. भारती जैन, संस्थापक स्वैश लीगल कंसल्टेंसी, अधिवक्ता और पेटेंट एजेंट ने “बौद्धिक सम्पदा का वेटरनरी व्यवसाय में सहयोग” विषय पर व्याख्यान दिया और कहा कि हमें हमारी शोध, तकनीक एवं लेखन को पेटेंट एवं लीगल अधिकार देने की बहुत आवश्यकता है। भारत में विभिन्न भौगौलिक क्षैत्र में परम्परागत तकनीकों का बहुत ज्ञान है जो कि रोग नियंत्रण एवं उत्पादन बढ़ाने में बहुत सहायक है लेकिन जानकारी के अभाव में लिगल अधिकार न होने से इसका व्यवसायिकरन करना मुश्किल है। डॉ. भारती ने वातावरण एवं पारिस्थितिकी संतुलन में वेटरनरी प्रोफेशन के योगदान के बारे में भी जानकारी प्रदान की। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. हेमन्त दाधीच ने अपने उद्बोधन में कहा कि दो दशक पहले की तुलना में आज वेटरनरी प्रोफेशन का महत्व विश्व स्तर पर बढ़ गया है। वेटरनरी प्रोफेशन ना केवल पशुओं के ईलाज तक सीमित है अपितु इसका मानव कल्याण में भी अमूल्य योगदान है। अधिष्ठाता, वेटरनरी कॉलेज, बीकानेर प्रो. ए.पी. सिंह ने स्वागत भाषण दिया एवं कहा कि विश्व पशुचिकित्सा संघ ने अप्रैल के अंतिम शनिवार को प्रत्येक वर्ष विश्व पशुचिकित्सा दिवस को मनाने का निर्णय लिया है पूरे विश्व में वेटरनरियन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके अपने योगदान एवं कर्तव्यों को याद करते है। अधिष्ठाता प्रो. ए.पी. सिंह ने बताया कि विश्व पशुचिकित्सा दिवस के अवसर पर वेटरनरी महाविद्यालय के क्लिनिकस में निःशुल्क रेबीज टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें चालीस श्वानों को टीके लगाए गये। रेबीज टीकाकरण आयोजन में डॉ. साकार पालेचा, डॉ. महेन्द्र तंवर, डॉ. प्रमोद, डॉ. सीताराम गुप्ता एवं पी.जी. एवं पी.एच.डी. विद्यार्थियों का सहयोग रहा। टीकाकरण शिविर का आयोजन निदेशक क्लिनिकस डॉ. प्रवीण बिश्नोई के निर्देशन में किया गया। विश्व पशुचिकित्सा दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों हेतु निबन्ध-लेखन प्रतियोगिताओ का आयोजन किया गया जिसमें मोहित जांगिड़ प्रथम, मोहम्मद दानिश द्वितीय एवं अनिता राठौड़ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस दौरान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें विजेता एवं प्रतिभागी विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र दिये गये। निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन डॉ. सुनीता पारीक एवं डॉ. मंजु नेहरा तथा प्रश्नोŸारी प्रतियोगिता का आयोजन प्रो. प्रवीण बिश्नोई, डॉ. महेन्द्र तंवर, विष्णु विजय, अमित चौधरी के सहयोग से हुआ। कार्यक्रम के अंत में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रवीण बिश्नोई ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अशोक डांगी ने किया। कार्यक्रम के दौरान निदेशक पी.एम.ई. प्रो. बसंत बैस, निदेशक मानव संसाधन विकास प्रो. बी.एन. श्रृंगी, परीक्षा नियंत्रक प्रो. उर्मिला पानू, वेटरनरी महाविद्यालय, बीकानेर के एल्युमिनाई (पौलेंड) डॉ. चन्द्रशेखर पारीक, अभिप्रेरणा कोचिंग इंस्टीट्यूट एवं सेंट्रल अकादमी के विद्यार्थी, महाविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

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