बीकानेर, विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर रविवार को सांझी विरासत और सखा संगम की ओर से वरिष्ठ रंगकर्मी और रंग निर्देशक सुदेश व्यास को रंग सम्मान 2022 अर्पित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक हरि शंकर आचार्य थे। उन्होंने कहा कि बीकानेर में रंगमंच की समृद्ध परंपरा रही है। व्यास ने इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए युवा पीढ़ी को इस क्षेत्र में भरपूर अवसर किए हैं। रंग क्षेत्र में इनका योगदान हमेशा रेखांकित किया जाएगा।
अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि कथाकार राजेंद्र जोशी ने कहा कि बीकानेर को उत्तर भारत की रंग राजधानी के रूप में जाना जाता है। राजानंद भटनागर, निर्मोही व्यास, ओम सोनी, कैलाश भारद्वाज, आनंद वी. आचार्य जैसे रंगकर्मियों ने बीकानेर को यह पहचान दिलाई। सुधेश व्यास ने 40 से अधिक नाटकों का निर्देशन तथा अनेक नाटकों में अभिनय करते हुए इस परंपरा को आगे बढ़ाया है।
विशिष्ठ अतिथि के रुप में बोलते हुए सखा संगम के अध्यक्ष एनडी रंगा ने कहा कि आज के दौर में रंगकर्म अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसके बावजूद अनुराग कला केंद्र के माध्यम से नए रंग कर्मियों को तराशा जा रहा है। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त रंगकर्मी बॉलीवुड और टेलीविजन पर भी विशेष पहचान बना चुके हैं।
कवि संस्कृति कर्मी चंद्रशेखर जोशी ने कहां की कोरोना संक्रमण के कारण लोग रंगमंच से दूर हुए हैं लेकिन एक बार फिर पूरी ऊर्जा के साथ इस ओर बढ़ना होगा।
इस अवसर पर रंगकर्मी विकास शर्मा, उत्तम सिंह, सुकांत किराडू और शिक्षाविद रूपेश व्यास मौजूद रहे।