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बीकानेर, विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के उपलक्ष में मानसिक रोग एवं नशामुक्ति विभाग, पी. बी. एम. चिकित्सालय, मे कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, डॉ० श्रीगोपाल गोयल ने आत्महत्या के कारण एवं चैतावनी संकेतो के बारे में बताया जैसे निराशा, कोधित अकेलापन होना, परिवार जनो व दोस्तो से कम बातचीत हताशा एवं नकारा महसूस करना, खुद को नुकसान पहुचाने का प्रयास या नशीले पदार्थ का उपयोग शुरू या उनमें बढोतरी होना इन लक्षणों में शामिल है। करूणा, सहानुभूति व विवेक के साथ किसी व्यक्ति को सुनने और उम्मीद उत्पन्न करने में मदद करनी चाहिए।

डॉ० हरफूल सिंह आचार्य मनोरोग विभाग ने आत्महत्या के रोकथाम के उपायो पर चर्चा की जिसमें बताया कि विश्व भर में प्रतिवर्ष 8 लाख एवं भारत में 1.60 लाख प्रतिवर्ष (हर 40 सैकण्ड में एक व्यक्ति) आत्महत्या से मर जाते है व इससे कई गुना लोग आत्महत्या का प्रयास करते है। इसलिए हमें डिप्रेशन (अवसाद) से ग्रसित लोगों के लक्षण समय पर पहचानना व उनकी मदद करने का प्रयास करना चाहिए। इसी विषय में डॉ० राकेश गढ़वाल व डॉ. निशान्त चौधरी, सहायक आचार्य मनोरोग विभाग ने इस दिवस को मनाने के उद्देश्य के बारे में बताया।

इसी के साथ नर्सिग टयूटर्स श्रीमति सुनिता शेखावत व ललिता मनोहर ने आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दो पर जागरूकता फैलाने की बात की। इसके बाद विभाग के सेमीनार हॉल में नर्सिंग छात्र छात्राओं के लिए कार्यशाला एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। साथ ही आकाश इन्टीटयूट में विभाग से आचार्य एवं जिला नोडल अधिकारी, NMHP डॉ. हरफूल सिंह, क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट डॉ. अन्जू ठकराल, सोशल वर्कर रविन्द्र कुमार भाटी एवं सी. आर.ए. विनोद पंचारिया ने 11th & 12th के बच्चो को सम्बोधित किया जिसमे उन्हे डिप्रेशन (अवसाद) के लक्षणों के बारे में अवगत करवाया व आत्महत्या और उसके रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के बारे में चर्चा की।
नर्सिग
इस आयोजन में रेजिडेन्ट डाक्टर्स डॉ. आभा व्यास, डॉ. अदिति महाजन, डॉ. विशाल राणा ऑफिसर, रविन्द्र सक्सेना एवं समस्त स्टाफ ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के आयोजन में शामिल हुए। एनएमएचपी से सी.आर.ए. विनोद कुमार पंचारिया ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और इससे संबंधित पेम्पलेटस, पुस्तके वितरित की। साथ ही सभी स्टाफ को आत्महत्या रोकथाम दिवस पर शपथ दिलाई गयी।

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