बीकानेर,एसकेआरएयू के स्वामी विवेकानंद कृषि संग्रहालय के सभागार में कृषि विज्ञान केंद्र बीकानेर तथा जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग बीकानेर के संयुक्त तत्वाधान में विश्व मृदा दिवस मनाया गया, जिसमें मुख्य अतिथि बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अमरीश शरण विद्यार्थी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विद्यालय बीकानेर, डॉ अरुण कुमार ने की। कुलपति प्रोफेसर अमरीश शरण विद्यार्थी ने कहा कि किसानों को खेती में उर्वरक तथा कीटनाशकों का सावधानी पूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए और प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करना चाहिए। कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने किसानों को सलाह दी कि वह मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुरूप ही उर्वरकों का इस्तेमाल करें जिससे कि कृषि की लागत को कम किया जा सके और उत्पादन तथा आमदनी को बढ़ाया जा सके। इस अवसर पर डॉ. सुभाष चंद्र, निदेशक प्रसार शिक्षा ने किसान उत्पादक संगठन तथा आदर्श गांव के बारे में जानकारी प्रदान की। डॉ प्रकाश सिंह शेखावत, निदेशक अनुसंधान ने रबी फसलों में पोषक तत्व प्रबंधन पर जानकारी दी तथा डॉ. सुशील खारिया ने एसकेआरएयू के अधीन 6 जिलों में मृदा में पोषक तत्वों के स्तर के बारे में किसानों को बताया। श्री महेश चंद्र वर्मा, अधिशाषी अभियंता, जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग बीकानेर ने किसानों को मृदा संरक्षण के बारे में बताया उन्होंने कहा कि खेत की मिट्टी खेत में तथा खेत का पानी खेत में रहे इस दिशा में सभी किसानों को कार्य करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि डॉ हरमीत सिंह, सलाहकार नशा मुक्ति तथा पुनर्वास केंद्र बीकानेर ने मृदा में अनुपस्थित विभिन्न तत्वों की कमी के कारण मनुष्य में होने वाली विभिन्न बीमारियों के बारे में जानकारी प्रदान की साथ ही जीवन की विभिन्न प्राथमिकताओं के बारे में सभी को बताया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र बीकानेर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवंअध्यक्ष डॉ दुर्गा सिंह उपस्थित रहे ।कार्यक्रम के दौरान किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी वितरित किए गए। कार्यक्रम के अंत में डॉ. केशव मेहरा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय में मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग द्वारा भी विश्व मृदा दिवस मनाया गया। जिसमें कृषि महाविद्यालय बीकानेर के अधिष्ठाता डॉ. पी. एस. शेखावत, भू सदृश्यता एवं राजस्व सृजन निदेशालय के निदेशक डॉ. दाताराम कुम्हार, कृषि महाविद्यालय हनुमानगढ़ के अधिष्ठाता डॉ. हनुमान राम, कृषि व्यवसाय प्रबंधन संस्थान के निदेशक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. योगेश शर्मा, सहायक आचार्य डॉ. आर. के. जाखड़, पीएचडी एवं स्नातकोत्तर के शोधार्थी उपस्थित रहे। डॉ. योगेश शर्मा ने मृदा स्वास्थ्य एवं मृदा सूक्ष्मजीवों के महत्व के बारे में बताया। सहायक आचार्य डॉ. आर. के. जाखड़ ने विश्व मृदा दिवस 2023 की थीम “मृदा एवं जल: जीवन के स्रोत”के बारे में जानकारी दी।
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