
बीकानेर,इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2025 उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग द्वारा एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और तनाव मुक्त जीवन जीने के उपायों को साझा करना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विभागाध्यक्ष हरजीत सिंह ने छात्रों को बताया कि संतुलित आहार, नियमित दिनचर्या और सकारात्मक सोच मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाते हैं। विभागाध्यक्षा पूजा भारद्वाज ने विद्यार्थियों को तनावमुक्त रहने, बेहतर नींद लेने और योग व प्राणायाम को जीवनशैली का हिस्सा बनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि मानसिक शांति के लिए शरीर और मन का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
इनोवेशन सेल के अध्यक्ष राहुल राज चौधरी ने छात्रों से नशे से दूर रहने और ऑनलाइन गेमिंग की लत से बचने की सलाह दी। उन्होंने विद्यार्थियों को खेलकूद और व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। डा. जे. एल. बेनीवाल ने सुझाव दिया कि यदि कोई छात्र किसी समस्या या मानसिक तनाव से जूझ रहा हो, तो उसे तुरंत अपने साथियों, शिक्षकों या परिजनों से बात करनी चाहिए। पूर्व विभागाध्यक्ष एवं मुख्य अतिथि हरजीत सिंह ने बताया कि दुनिया की एक बहुत बड़ी जनसंख्या आज मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा है। उन्होंने मेंटल हेल्थ या मानसिक स्वास्थ्य को जांचने के विभिन्न तरीके सुझाए और तुरंत मेडिकल सहायता लेने में संकोच ना करें।
कॉलेज में इंक्यूबेट किए गए छात्र स्टार्टअप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी करन नाहटा ने इस वर्ष की थीम — “आपदा और आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच (Access to Services – Mental Health in Catastrophes and Emergencies)” — पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि आपदा या संकट की स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, और यदि समय पर मानसिक सहायता मिल जाए तो बड़े नुकसान से बचा जा सकता है। उन्होंने समाज से अपील की कि मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति को ‘पागल’ नहीं बल्कि रोगी समझा जाए और उसे आवश्यक चिकित्सा व मानसिक सहयोग प्रदान किया जाए, जिससे वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हो सके। दृष्टि, भावना, डिम्पल इत्यादि छात्राओ के साथ साथ आर्यन, भरत, हरि, दिनेश प्रवीण, चंदन, लक्ष्य, रोहिणी, निशित इत्यादि ने भी अपने अनुभव साझा किए
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें सभी शिक्षकों और छात्रों ने यह संकल्प लिया कि वे अपने और दूसरों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे और समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाएँगे।