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बीकानेर,जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि के निर्देशानुसार आगामी रबी सीजन में खाद उर्वरकों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को कृषि भवन के आत्मा सभागार में संयुक्त निदेशक (कृषि) कैलाश चौधरी की अध्यक्षता में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में होलसेल आपूर्तिकर्ता, विक्रेता व निर्माता कंपनियों के पदाधिकारी मौजूद रहे।
संयुक्त निदेशक (कृषि) चौधरी ने बताया कि जिले में यूरिया, डीएपी, एसएसपी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड में सुझाई मात्रा अनुसार फसलवार अनुशंसित उर्वरक मात्रा का ही प्रयोग करें। किसान एनपीके, एसएसपी, टीएसपी इत्यादि उर्वरक का प्रयोग भी फसलवार अनुशंसा अनुसार करें। इसके अतिरिक्त खड़ी फसलों में डीएपी का उपयोग किसान ना करें।
संयुक्त निदेशक (कृषि) ने कहा कि आपूर्तिकर्ता व डीलर उर्वरक के साथ अन्य उत्पाद की टेगिंग ना करें। टेगिंग पाये जाने पर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। उन्होंने बताया कि एसएसपी एक फाॅस्फोरस युक्त उर्वरक है, जिसमें 16 प्रतिशत फाॅस्फोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा पाई जाती है। इसमें उपलब्ध सल्फर तिलहन एवं दलहन फसलों के लिए अन्य उर्वरकों की अपेक्षा अधिक लाभदायक है। एसएसपी उर्वरक डीएपी की अपेक्षा सस्ता है एवं बाजार में आसानी से उपलब्ध है।
कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने बताया कि प्रथम विकल्प का लागत मूल्य 2 हजार 950 रुपए है तथा द्वितीय विकल्प का लागत मूल्य 1 हजार 617 रुपए है। उन्होंने कृषकों को सलाह दी कि द्वितीय विकल्प के अनुसार डीएपी के स्थान पर एसएसपी एवं यूरिया का प्रयोग करें। सहायक निदेशक कृषि भैराराम गोदारा ने बताया कि विभाग के समस्त कृषि निरीक्षक क्षेत्र में निरंतर निरीक्षण की कार्यवाही कर रहे है। किसी भी प्रकार की खाद उर्वरक की काला बाजारी होने पर विभाग द्वारा कारवाई की जाएगी। कृषि अधिकारी ओमप्रकाश तर्ड ने वर्तमान खाद उर्वरकों की लक्ष्य, आपूर्ति, आंवटन व रबी सीजन के मध्यनजर आगामी माह की समयबद्ध आपूर्ति प्लान पर विस्तार से चर्चा की। रबी 2024 की खाद व उर्वरक मांग व आपूर्ति पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यशाला में इफको से विजय सिंह लाम्बा, कृभको संदीप बेनीवाल, एनएफएल लखबीर, चम्बल से हुक्माराम व जिला बीकानेर के होलसेल आपूर्तिकर्ता इन्द्र तिवाड़ी, किशन कुकणा, हरि नारायण अग्रवाल, मगनलाल शर्मा, निर्मल राखेचा, शेषकरण इत्यादि विक्रेता उपस्थित रहें। कार्यशाला का संचालन कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने किया।

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