Trending Now




बीकानेर, एकेडमी आॅफ पीडियाट्रिक, इंडिया, बीकानेर पीडियाट्रिक सोसायटी एवं सरदार पटेल मेडिकल काॅलेज बीकानेर की शिशु चिकित्सा इकाई के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को पी.बी.एम. केशिशु चिकित्सालय में नवजात शिशु की सुरक्षा व उतम स्वास्थ्य की परियोजना ’’प्रथम गोल्डन मिनट प्रोजेक्ट’’ पर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में निजी व सरकारी चिकित्सालयों के चिकित्सकों, शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में सेवारत नर्सिंग कर्मियों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला का उद््घाटन पी.बी.एम. के शिशु एवं बाल रोग अस्पताल के अधीक्षक पी.के.बेरवाल व बीकानेर पीडियाट्रिक सोसायटी के सचिव बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ.श्याम अग्रवाल ने विद्या एवं ज्ञान की देवी मां सरस्वती के आगे दीप प्रज्जवलित कर किया। डाॅ. पी.के.बेरवाल ने कहा कि जन्म के बाद का एक मिनट शिशु के लिए महत्वपूर्ण होता है। चिकित्सक व नर्सिंगकर्मी पूर्ण सावधानी के साथ इस गोल्डन मिनट का ध्यान रखे तथा शिशु जन्म के बाद होने वाली तकलीफो से बचाएं। थोड़ी सी भी असावधानी शिशु की मृृत्यु का कारण बन जाती है। उन्होंने कार्यशाला में प्रशिक्षण के बाद प्रतिभागी अन्य चिकित्सकों व नर्सिंगकर्मियों को भी सुरक्षित प्रसव के बाद शिशु की रक्षा के तरीकों के बारे में बताएं। इससे भारत में जन्म के बाद शिशु की मृृत्यु दर कम होगी तथा शिशु स्वस्थ रहेंगे।
बीकानेर पीडियाट्रिक सोसायटी के सचिव बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ.श्याम अग्रवाल ने कहा कि 90 प्रतिशत शिशुओं में जन्म के बाद श्वास लेने, नहीं रोने, शारीरिक बदलाव को सहन करने की, हलचल करने समस्या नहीं रहती। लेकिन 10 प्रतिशत शिशुओं में सांस लेने सहित अनेक समस्याएं सामने आती है । प्रसव व शिशु चिकित्सा से जुड़े चिकित्सक व नर्सिंगकर्मी सजगता से आवश्यक उपकरणों के साथ ऐसे असामान्य शिशुओं को बचाने के पूर्ण प्रयास करें। विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत सरकार, राजस्थान सरकार व एकेडमी आॅफ पीडियाट्रिक, इंडिया, पीडियाट्रिक सोसायटी इस संबंध में जागरूकता के लिए कार्य कर रही है। कार्यशाला के मर्म व उद्धेश्य को समझकर सेवा भावना के साथ अबोध शिशु की सुरक्षा के प्रयास करें।
कार्यशाला में शिशु एवं बाल रोग अस्पताल के सह आचार्य शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ.सारिका स्वामी, डाॅ.मुकेश बेनीवाल, डाॅ.पवन डारा, चूरू के सह आचार्य डाॅ. अभिमन्यु तिवारी व कार्यशाला समन्वयक डाॅ.संजीव चाहर ने नागौर, चूरू, नोखा, लूणकरनसर, खाजूवाला व बीकानेर की विभिन्न चिकित्सालयों से आएं चिकित्सकों, पी.जी. विद्यार्थियों व नर्सिंगकर्मियों को ’’डेमो’’ के माध्यम से नवजात शिशुओं को शारीरिक व मानसिक बीमारियों से बचाने, उनको स्वस्थ रखने के लिए प्रथम स्वर्ण मिनट’’ में सावधानी रखने के बारे में गहन प्रशिक्षण दिया। करीब 7 घंटें चली ’’जाॅनसन’’ कंपनी के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में हिस्सा लेने वाले चिकित्सकों व नर्सिंगकार्मियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

Author