बीकानेर,बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय, कृषि और जल प्रौद्योगिकी विकास हब (एडब्ल्यूएडीएच) एवं आईआईटी रोपड़ के संयुक्त तत्त्वाधान में डाटा साइंस पर एक दिवसीय कार्यशाला का अयोजन हुआ। कार्यशाला का उद्देश्य मल्टीमीडिया डेटा का उपयोग करके स्वचालित निगरानी के लिए उपयोग की जाने वाली सांख्यिकीय और मशीन लर्निंग आधारित विसंगति की पहचान कर तकनीकों का व्यापक विश्लेषण करना था कि इसे वास्तविक दुनिया के डेटा के साथ तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। डीन रिसर्च और कार्यशाला संयोजक डॉ धर्मेंद्र यादव ने बताया कि इस कार्यशाला में डॉ.श्वेता जैन आईआईटी रोपड़, डॉ.हनुमंत सिंह शेखावत आईआईटी गुवाहाटी, डॉ. मुकेश सैनी, कृषि एवं जल प्रौद्योगिकी विकास केंद्र (एडब्ल्यूएडीएच), आईआईटी रोपड़ से विशेषज्ञ और मुख्य वक्ता के रूप में विद्यार्थियो का मार्गदर्शन किया। विषय विशेषज्ञो ने विसंगति क्या है? समय श्रृंखला डेटा में विसंगति का पता कैसे लगाएं? विसंगति का पता लगाने के लिए विभिन्न सांख्यिकीय और मशीन सीखने की तकनीकें क्या हैं? बीजगणित और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की मूल सिद्धांतों सहित डाटा साइंस में प्रौद्योगिकी के नवीनतम स्वरुप जैसे महत्तवपूर्ण विषयों पर चर्चा की और मार्गदर्शन प्रदान किया।संयोजक डॉ यादव ने कहा कि डेटा साइंस में निर्णय लेने के पहलू पर अधिक जोर दिया और कहा कि यह सिर्फ एक विज्ञान नहीं है। इससे जुड़ा एक कला रूप भी है। डेटा साइंस ने किसी समस्या को हल करने के लिए हमारे कौशल को बढ़ाता है, प्रौद्योगिकी के विकास ने डेटा साइंस में भी बदलाव लाए हैं।कार्यशाला में एमओयू पर भी चर्चा हुई जिसके तहत जल्द ही एमओयू किया जाएगा। साथ ही एग्रीकल्चर एप्लीकेशन पर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के साथ भी वार्ता चल रही है इस योजना के माध्यम से विधार्थियों को शोध,अनुसंधान और इंटर्नशिप में भी सहायता प्राप्त होगी।
कुलपति प्रोफेसर अंबरीश शरण विद्यार्थी ने अपने संदेश में कहा कि प्रौद्योगिकी के नवीनतम अवसर पर व्यापक स्वरूप से विद्यार्थियों को अवगत कराया जाना समय की मांग है। इस तरह की कार्यशाला से विद्यार्थी अवश्य लाभान्वित होगें। डाटा साइंस में आज कई जॉब ऑप्शन मौजूद हैं। जहां आप इंफॉर्मेशन ऑफिसर, डाटा एनालिस्ट, सॉफ्टवेयर टेस्टर, डाटा साइंटिस्ट, सीनियर इंफॉर्मेशन एनालिस्ट, सीनियर डाटा ऑफिसर, बिजनेस एनालिस्ट और सहायक एनालिस्ट के पद पर काम करके करियर बना सकते हैं। इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर में भी रोजगार के बहुत चांस हैं। बैंक, बीमा कंपनी, ई-कॉमर्स, टेलीकॉम, फाइनेंस, यूटिलिटी, हॉस्पिटल, कंस्ट्रक्शन प्लान, ऑयल या गैस कंपनी, मैन्युफेक्चरिंग कंपनी, ट्रांसपोर्टेशन जैसी बहुत सी जगहों पर रोजगार मिलने की आपार संभावनाएं हैं। इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय सदस्य विशेषज्ञ आमंत्रित अतिथि और विद्यार्थी उपस्थित रहे।