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बीकानेर,नगर निगम में अधिकारियों की मनमानी के चलते बड़े काम भी टेंडर की जगह कोटेशन से कराये जा रहे हैं. इस वर्ष निगम ने केवल कोटेशन के माध्यम से करीब 50 लाख रुपये के कार्य करवाए हैं।जबकि नियम यह है कि कोटेशन के जरिए एक साल में अधिकतम 5 लाख तक ही काम हो सकता है। एक कोटेशन से 10 से 99 हजार तक के काम हो सकते हैं।

यह उद्धरण अब भाजपा-कांग्रेस नगरसेवकों के बीच विवाद का कारण बन गया है। कोटेशन को लेकर दोनों गुट एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। एक दिन पहले शहरी रोजगार गारंटी योजना में लगी महिला कर्मियों के विवाद को लेकर पार्षदों ने सोशल मीडिया ग्रुप में एकजुट होकर लड़ने की बात कही थी. इसी दौरान एक पार्षद ने नेता प्रतिपक्ष पर कोटेशन में व्यस्त रहने का आरोप लगाया। उसके बाद देर रात तक विवाद चलता रहा।

मेयर की आपत्ति को अनसुना कर करीब 55 कोटेशन मंजूर, जहां टेंडर भी हुए, हैरत की बात… एआरसी मंजूर, फिर भी ड्रेन क्रास व सीवरेज के लिए कोटेशन : नगर निगम हर साल सीवरेज कवर, ड्रेन क्रास जैसे छोटे कार्यों के लिए एआरसी स्वीकृत करता है। निगम से शिकायत करने पर उसे ठीक कराने की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के ठेकेदार व जेईएन की होती है, लेकिन उसके लिए भी अलग-अलग कोटेशन जारी कर दिए। अधिकांश कोटेशन ड्रेन क्रास, सीवरेज कवर, गड्ढा भरने जैसे कार्यों के लिए हैं।,निगम ने नहीं किया एक किलोमीटर पैचवर्क : नगर निगम में सड़कों के पैचवर्क के नाम पर एक भी टेंडर नहीं हुआ। एक करोड़ का पैचवर्क टेंडर निकाला गया था, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया। निगम का दावा है कि जिन वार्डों में कार्य स्वीकृत हो रहे हैं, वहां डुप्लीकेशन की संभावना थी, इसलिए पैचवर्क का टेंडर रद्द कर दिया गया. लेकिन इस सत्र में एक दर्जन से अधिक ऐसे वार्ड हैं, जहां एक रुपये का भी काम स्वीकृत नहीं हुआ है, ऐसे में पैचवर्क कैसे होगा.

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