
बीकानेर, वेटरनरी विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशालय के अर्न्तगत कार्यरत पशु अनुसंधान केन्द्रों की कार्ययोजना एवं प्रगति की समीक्षा बैठक गुरूवार को कुलगुरु आचार्य मनोज दीक्षित की अध्यक्षता में आयोजित की गई। कुलगुरु आचार्य दीक्षित ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य की प्रमुख देशी गौवंश जैसे राठी, थारपारकर, गिर, साहीवाल एवं कांकरेज उन्नत नस्लों के अनुसंधान केन्द्र वेटरनरी विश्वविद्यालय में स्थापित है जो कि हमारे लिए गर्व की बात है इन नस्लों के सरक्षंण एवं उन्नयन हेतु विश्वविद्यालय निरन्तर प्रयासरत रहा है। कुलगुरु आचार्य दीक्षित ने सभी पशु अनुसंधान केन्द्रों के प्रभारी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी केन्द्रों पर गुणवत्ता सुधार हेतु कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देना होगा। पशु अनुसंधान केन्द्रों पर कम उत्पादकता वाले पशुओं को समय-समय पर छंटनी करते हुए पशु नीलामी कर फार्मो के उत्पादन स्तर को बढ़ावा देना होगा। कुलपति ने सभी प्रभारी अधिकारियों को पशु अनुसंधान केन्द्रों पर उपलब्ध भूमि का समुचित उपयोग, पशु हरा चारा उत्पादन को बढ़ाने, उन्नत पशुशाला प्रबन्धन द्वारा पशुओं की उत्पादकता बढ़ा कर आत्म निर्भरता स्थापित करने हेतु निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में पशु अनुसंधान केन्द्रों के प्रभारी अधिकारियों द्वारा अवगत करवाई गई विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु भी सुझाव दिये गये। बैठक में पशु अनुसंधान केन्द्र बीकानेर, कोडमदेसर, बीछवाल, चांदन, नोहर, वल्लभनगर एवं बोजुंदा के प्रभारी अधिकारियों ने अनुसंधान केन्द्रों के प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। बैठक में अनुसंधान निदेशक प्रो. बी.एन. श्रृंगी, अतिरिक्त निदेशक अनुसंधान प्रो. आर.के. नागदा एवं डॉ. एन.एस राठौड़ सहित पशु अनुसंधान केन्द्रों के अधिकारी मौजुद रहे।