जयपुर, उत्तर पश्चिम रेलवे पर सिगनल एवं दूरसंचार विभाग की कार्य समीक्षा बैठक का आयोजन प्रधान कार्यालय, जयपुर में किया गया। उत्तर पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक विजय शर्मा ने समीक्षा बैठक में सिगनल विभाग के अधिकारियों से उन्नत व उत्कृष्ट सिगनलिंग प्रणाली के माध्यम से संरक्षित रेल संचालन पर विस्तार से चर्चा की।उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार बैठक की अध्यक्षता पुनीत चावला, प्रमुख मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर ने की। इस कार्य समीक्षा बैठक में संकेत एवं दूरसंचार विभाग के विभिन्न लक्षित कार्यों पर विचार-विमर्श किया गया, जिन्हें इस वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाना है, अर्थात यांत्रिक सिगनलिंग का उन्मूलन करके नए आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को लगाना, समपार गेटो की इंटरलॉकिंग, स्वचालित सिगनलिंग आदि पर विशेष बल दिया गया। इस समीक्षा बैठक में महाप्रबंधक महोदय ने सिगनल एवं दूरसंचार विभाग को रेलवे बोर्ड और मुख्यालय द्वारा दिए गए वार्षिक लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश दिया। पीसीएसटीई ने सभी 4 मंडलों के एस एण्ड टी विभाग द्वारा किए गए लक्षित कार्यों की प्रगति और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
सभी 4 मंडलों में वर्ष में लक्षित कार्यों की प्रगति और उपलब्धियों में जोधपुर मंडल के 4 में से 2 पुराने मैकेनिकल स्टेशनों को आधुनिक सिगनलिंग स्टेशनों (ईआई) में परिवर्तित किया गया जिससे स्टेशन यार्ड में दोनों दिशाओं से ट्रेनों के एक साथ आगमन एवं प्रस्थान की सुविधा प्रदान की जा सके तथा कम्प्यूटर की सहायता से स्टेशन मास्टर गाड़ी का संचालन कर सके। इसी तरह बीकानेर मंडल में शेष मैकेनिकल स्टेशनों को आधुनिक सिग्नलिंग स्टेशनों (ईआई) में परिवर्तित करने का कार्य प्रगति पर है। इस तरह बीकानेर मंडल का कार्य पूरा होते ही सम्पूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे मैकेनिकल सिगनलिंग से मुक्त हो जाएगा।
बारिश के मौसम में स्टेशनों के वार्ड में जलभराव के कारण ट्रेनों के संचालन में आने वाले अवरोध को दूर करने के लिए अजमेर मंडल के दो स्टेशनों (आदर्श नगर और ब्यावर) पर मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर (एमएसडीएसी) का काम पूरा कर लिया गया है और अजमेर, बीकानेर एवं जयपुर मंडल के कुल 13 स्टेशनों पर कार्य प्रगति पर है। सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और ट्रेन संचालन की सुगमता को बढ़ाने के लिए मंडलों में 47 से से 18 समपार फाटकों की इंटरलॉक किया गया है तथा अन्य पर कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही एस एण्ड डी. विभाग द्वारा आगामी वर्ष के दौरान सड़क उपयोगकर्ताओं और ट्रेन संचालन की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मानवयुक्त समपार फाटकों को इंटरलॉक किया जाना, अधिक सेक्शन क्षमता प्राप्त करने की दिशा में स्वचालित सिग्नलिंग के कार्य किये जाने, ट्रेन परिचालन में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कवच का कार्य 1586 किलोमीटर में किये जाने के लक्ष्य निर्धारित किये गये। विजय शर्मा ने ट्रेनों के सुरक्षित संचालन की दिशा में काम करने के लिए संकेत एवं दूरसंचार विभाग को शुभकामनाएँ दी। इस समीक्षा बैठक में अधिकारी सी चंद्रशेखर शास्त्री, सीएसटीई/ परियोजना, पीयूष माथुर, सीसीई अशोक मौर्य, सीएसटीई/मुख्यालय, अनुराग गोयल सीएसटीई/निर्माण, एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।