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बीकानेर, संभागीय आयुक्त भंवरलाल मेहरा ने कहा कि संगठित, असंगठित, औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं को अनुकूल व सकारात्मक वातावरण मिले, इसके लिए संबंधित एजेंसियां समन्वित रूप से प्रयास करें।
मेहरा ने सोमवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय सभागार में संभाग स्तरीय महिला समाधान समिति की बैठक में यह बात कही। मेहरा ने कहा कि वर्तमान में महिलाएं, पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। ऐसे में कार्यस्थल पर महिलाओं को स्वच्छ वातावरण मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए संभाग भर के कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समितियों का गठन हो तथा जिला स्तर पर गठित समिति की भी बैठकें आयोजित कर नियमित फीडबैक लिया जाए।
मेहरा ने निर्देश दिए कि संभाग के सभी कार्यालयों से इस संबंध में रिपोर्ट प्राप्त कर समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाए। उपखंड स्तर पर गठित समिति की सक्रियता की सूचना भी भिजवाई जाए।
*अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत महिला के साथ शोषण की सूचना पर लें संज्ञान*
मेहरा ने कहा कि असंगठित और अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षात्मक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए समिति द्वारा समय-समय पर शिकायतों पर संज्ञान लिया जाए। कार्यस्थल पर महिलाएं भयमुक्त होकर कार्य करें और यदि उन्हें किसी भी प्रकार के शोषण की स्थिति का सामना करना पड़ता है, तो वे संभाग स्तरीय महिला समाधान समिति के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करवाएं।
संभागीय आयुक्त ने कहा कि उद्योग और श्रम विभाग इस दिशा में विशेष अभियान चलाकर असंगठित क्षेत्र में काम कर रही महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करें। फैक्ट्रियों आदि में काम करने वाली महिलाओं को जागरूक करें तथा यदि शोषण की कोई शिकायत मिलती है तो इस पर तुरंत प्रभावी कार्यवाही की जाए। संभागीय आयुक्त ने कहा कि इस प्रकार की किसी भी शिकायत के नियमसम्मत निस्तारण के लिए पुलिस भी सकारात्मक सहयोग दें ताकि महिलाएं भयमुक्त होकर काम कर सकें। उन्होंने कहा कि महिलाओं को किसी से डरने की आवश्यकता नहीं है यदि किसी के साथ भी कोई अन्याय होता है तो वह बेखौफ होकर समिति के सामने अपनी शिकायत प्रस्तुत करें।
संभागीय आयुक्त ने ऐसे कार्यालय जहां, 10 से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाने की भी बात कही।
*सखी वन स्टॉप सेंटर का करें निरीक्षण*
मेहरा ने अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ए एच गौरी को जिला स्तर पर संचालित किया जा रहे सखी वन स्टॉप सेंटर की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के लिए कहा। सदस्य सचिव मेघा रतन ने बताया कि पीबीएम परिसर में 14 अक्टूबर से राजस्थान इंटीग्रेटेड सोसाइटी बांसवाड़ा के द्वारा सखी वन स्टॉप सेंटर का संचालन किया जा रहा है। इसमें अब तक कुल 13 प्रकरण प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 11 का निस्तारण किया जा चुका है तथा 2 प्रकरण प्रक्रियाधीन है। संभागीय आयुक्त ने सखी वन स्टॉप सेंटर के निर्माण के लिए जमीन आवंटन की कार्रवाई की भी जानकारी ली।
सदस्य सचिव ने बताया कि महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न( निवारण, प्रतिशोध, प्रतितोष) अधिनियम 2013 के तहत जिले की सभी कार्यालयों में स्थानीय शिकायत समिति का गठन भी किया जा चुका है। जिसकी त्रैमासिक सूचना निदेशालय को भिजवाई जाती है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर गठित समिति की नियमित रूप से बैठक आयोजित की जा रही है। साथ ही महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र के द्वारा भी इस वित्तीय वर्ष में 137 प्रकरणों में सुनवाई कर महिलाओं को राहत दी गई है।
बैठक में जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा, डीवाईएसपी रामेश्वर सहारण व महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र की मंजू नागल उपस्थित रहे।
*यह है समिति*
महिलाओं को कार्यस्थल पर भयमुक्त और सकारात्मक वातावरण देने के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था के तहत संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में संभाग स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति के उपाध्यक्ष पुलिस महानिरीक्षक हैं। महिला अधिकारिता उपनिदेशक सदस्य सचिव व संयुक्त श्रम आयुक्त, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र और स्वयंसेवी संगठन की प्रतिनिधि समिति की सदस्य होंगी। समिति द्वारा महिलाओं से परिवाद प्राप्त करने व जांच करते हुए महिलाओं को राहत प्रदान की जाएगी। प्रत्येक तीन माह में समिति की बैठक आयोजित किए जाने का प्रावधान है।

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