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बीकानेर, महिला उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उददेश्य से जिला परिषद परिसर में राजीविका के महिला एसएचजी सदस्यों द्वारा कैंटीन संचालित की जाएगी। जिला प्रमुख मोडाराम और जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. ने मंगलवार को इसका उद्घाटन किया। यह केंटीन करणी माता राजीविका महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित की जाएगी।
इस अवसर पर जिला प्रमुख मोडाराम ने कहा कि महिलाओं ने हर क्षेत्र में स्वयं को स्थापित किया है। अब उद्यम के क्षेत्र में भी महिलाएं आगे आ रही हैं। उन्होंने कहा कि इस कैंटीन के माध्यम से अन्य समूहों की महिलाओं को प्ररेणा मिलेगी।
जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि राजीविका समूहों के सशक्तीकरण की दिशा में जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल की प्रेरणा से यह नवाचार किया गया है। उन्होंने महिलाओं से उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने तथा नए उत्पाद बनाने में बेचने की अपील की। उन्होंने कैंटीन के आगे शेड निर्माण के लिए अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए।
इस अवसर पर जिला परिषद के अधीक्षण अभियंता धीर सिंह व रामनिवास, राजीविका के जिला परियोजना प्रबंधक राजेंद्र बिश्नोई, जिला प्रबंधक लाइवलीहुड रघुनाथ डूडी, ब्लॉक परियोजना प्रबंधक बीकानेर सुनीता शेखावत तथा स्वयं सहायता समूह व तिरंगा सीएलएफ के कार्मिक उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि राजीविका समूहों के व्यवसायिक कौशल विकसित करने के लिए जिला कलक्टर के निर्देशन में कई नवाचार किए हैं। श्रीडूंगरगढ़ के बेनीसर गांव में मसाला उद्योग की स्थापना नाबार्ड के सहयोग से की गई। इसके उत्पाद नारी शक्ति के नाम से पैकेजिंग कर बाजार में उतारे गए हैं। इसी प्रकार लूणकरणसर और लखासर में सेनेटरी पैड निर्माण की मशीन स्थापित की गई। यहां से निर्मित सेनेटरी पैड उड़ान योजना के अंतर्गत राजकीय विद्यालयों में सप्लाई किए जा रहे हैं। वर्तमान में जिले के 9 खंडों में 6 हजार 552 स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं। समूहों को विभिन्न बैंकों के माध्यम से 36 करोड रुपए का प्रथम बार ऋण उपलब्ध करवाया गया है। साथ ही कौशल विकास की दिशा में भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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