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बीकानेर, जयनारायण व्यास कॉलोनी स्थित ग्रामीण हाट में चल रहे सात दिवसीय अमृता हाट मेले में मंगलवार को अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय महिला सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन थे। उन्होंने कहा कि महिलाएं बड़े सपने देखें और सफल महिलाओं से प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ें, जिससे समाज का सर्वांगीण विकास हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी आधी आबादी को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए संकल्पबद्ध है तथा महिलाओं के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही हैं। महिलाएं इनकी जानकारी लें और लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि अमृता हाट मेला, महिला स्वयं सहायता समूहों को सम्बल देने और उन्हें आर्थिक सशक्त बनाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगा।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। यह दूसरों के लिए प्रेरणादाई है। उन्होंने बीकानेर में घटते लिंगानुपात पर चिंता जताई और कहा कि बालिकाओं को शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ने के अवसर दें। बेटी बचाओ अभियान के तहत जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शिक्षित महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें तथा दूसरों को भी जागरूक करें।
महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक मेघा रतन ने बताया कि अमृताहाट मेले में 151 स्टॉल्स लगाए गए हैं। इस मेले में अब तक लगभग 12 लाख रूपए के उत्पाद विक्रय हुए हैं। उन्होंने 5 से 8 मार्च तक महिला दिवस सप्ताह के तहत आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी।
इस अवसर पर जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के., अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) अरूण प्रकाश शर्मा, जिला उद्योग केन्द्र की महाप्रबन्धक मंजू नैण गोदारा, बाल विकास परियोजना अधिकारी निर्मला दुबे, नवरंग मेघवाल, शक्तिसिंह कच्छावा, सतीश पड़िहार, विजय लक्ष्मी जोशी मौजूद रहे।
महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक शारदा चौधरी ने आभार जताया। अतिथियों ने महिला अधिकारिता विभाग की योजनाओं से संबंधित पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यक्रम में पांच साल की नन्हीं बालिका सौम्या सोनी ने राजस्थानी लोकनृत्य की प्रस्तुति दी।
*इन्हें किया गया सम्मानित*
कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने थारूसर की साथिन मीना कंवर और डॉ. सत्यनारायण जाटोलिया को इन्दिरा महिला शक्ति प्रोत्साहन योजना के तहत क्रमशः 11 हजार और साढ़े सात हजार रूपए की राशि का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। माता यशोदा पुरस्कार के रूप में जिले में संचालित समस्त 8 परियोजनाओं की एक-एक कार्यकर्ता, सहायिका और आशा सहयोगिनियों को क्रमश 5100 व 2100-2100 रुपए के नकद पुरस्कार और स्मृति चिह्न प्रदान किए गए। राष्ट्रीय बालिका दिवस (24 जनवरी) को आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाली बालिकाओं को भी पुरस्कृत किया गया।

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