बीकानेर,जयपुर। सेंट जेवियर्स स्कूल के शिक्षक निखिल जोस और प्रिंसिपल फादर डोमिनिक एम.एरोकॉम के खिलाफ संयुक्त अभिभावक संघ ने सख्त कार्यवाही की मांग की है, छात्रा पूर्व हो या वर्तमान शिक्षक और प्रिंसिपल ऐसी हरकतें कैसे कर सकते है। संयुक्त अभिभावक संघ ने शिक्षक और प्रिंसिपल पर पास्को एक्ट में मामला दर्ज करने की मांग की है। रविवार को संघ प्रदेश विधि मामला संयुक्त मंत्री एडवोकेट खुशबू शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित राज्य महिला आयोग को पत्र लिखा साथ ही प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर पूर्व छात्राओं के साथ बदसलूकी, छेड़छाड़ और अश्लील मैसेज भेजने वाले आरोपी शिक्षक और शिक्षक का साथ देने वाले प्रिंसिपल पर सख्त कार्यवाही करने की मांग की है।
प्रदेश महामंत्री संजय गोयल ने कहा कि ऐसी घटनाएं शिक्षा का अपमान करती है जो अभिभावकों और बच्चों की भावनाओ को ठेस पहुंचाती है। जिन शिक्षकों पर बच्चों के भविष्य बनाने के जिम्मेदारी होती है वही शिक्षक अगर मनचला रवैया अपनाकर अपने छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार करें तो वह समाज मे कोनसे बदलाव की दिशा और दशा तय करवा रहे है। सेंट जेवियर्स स्कूल के खिलाफ ओर भी बहुत सारे मामले सामने आए है जिसमे एक मामला अभी राजस्थान हाईकोर्ट की कार्यवाही से संज्ञान में आया, जिसमें अभिभावक से वार्ता कर जानकारी जुटाई गई। एक शिक्षक को छात्र-छात्राओं के बेहतर भविष्य की जिम्मेदारी दी जाती है उनका जीवन शिक्षकों के हवाले नही किया जाता। एक छात्र को आत्महत्या करने पर मजबूर कर अब हत्यारा शिक्षक, स्कूल प्रशासन के साथ मिलकर कोर्ट में गलत जानकारी देकर अपने आपको सुरक्षित कर रहा है। बुधवार को आत्महत्या करने वाले छात्र के अभिभावक से मुलाकात कर आगे की रूप रेखा बनाई जाएगी।
प्रदेश कोषाध्यक्ष सर्वेश मिश्रा ने कहा कि शिक्षक द्वारा पूर्व छात्रा के साथ छेड़छाड़ और अश्लील मैसेज भेजने का मामला जब सामने आया तो जिला शिक्षा अधिकारी ने कम्पलेंट आने पर जांच करने की बात कही जिसका संयुक्त अभिभावक संघ विरोध करता है। संघ का मानना है कि जिला शिक्षा अधिकारी एक सरकारी पद पर बैठे है, इस तरह की बयानबाजी से वह अपने पद का दुरुप्रयोग कर रहे है। जब मामला पुलिस थाने और बाल आयोग तक पहुंच गया तो वह किसी शिकायत आने का इंतज़ार कर रहे है और अगर शिकायत आने पर ही विभाग कार्यवाही करेगा तो फिर विभाग का क्या औचित्य रहता है। शिक्षा अधिकारी को बयानबाजी ना कर मामले में गम्भीरता दिखाकर सेंट जेवियर्स स्कूल की जांच करवाकर कार्यवाही सुनिश्चित करनी चाहिए थी। शिकायत का इंतज़ार कर शिक्षा अधिकारी आरोपी शिक्षक और प्रिंसिपल को संरक्षण दे कर बचाने एवं स्कूल की गड़बड़ियों को छुपा रहे है।