Trending Now












भोपाल। ऑर्टिफिशियल तरीके से इन दुर्लभ पौधों के लिए वातावरण भी तैयार किया है मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली 26 वर्षीय साक्षी भारद्वाज ने अपने घर की दीवारों पर 800 स्कावयर फीट में 450 प्रजातियों के 4000 पौधों का ‘मिनी फॉरेस्ट’ बनाया है. जिसमें 150 दुर्लभ ऐसी प्रजातियां हैं, जो विदेशों मे ही पाई जाती हैं, उन्हें भारतीय वातावरण में नहीं उगाया जा सकता. लेकिन साक्षी ने उन प्रजातियों का भी विकास सही तरीके से हो सके उसके लिए ऑर्टिफिशियल तरीके से इन दुर्लभ पौधों के लिए वातावरण भी तैयार किया है भारद्वाज कहती हैं कि आजकल स्मार्ट सिटीज और रिहायशी इलाकें बढ़ रहे हैं. विकास की एवज पर भी पेड़ों की कटाई भी तेजी से बढ़ रही है. ऐसी स्थिति में सबको वैकल्पिक तरीका अपनाना पड़ेगा. इसी के तहत अर्बन गॉर्डनिंग का कंसेप्ट उनके दिमाग में आया. ऐसा करने से आपके आस-पास ग्रीनरी तो दिखेगी ही, साथ ही आप खुद का ऑक्सीजन जनरेटर उपयोग कर सकते हैं. वह कहती हैं कि अगर भारत में हर जिले में इस तरह के प्रोजेक्ट को लेकर लोग आगे आएं, तो हम अपने आसपास के प्रदूषण से काफी हद तक निजात पा सकते हैं. मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत साक्षी भारद्वाज ने बताया कि 2018 में उन्होंने जंगलवास नाम से इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. वह अपने घर की दीवारों पर वर्टिकली इन पौधों को लगाती हैं. प्लांटर के तौर पर वह उन्होंने नारियल के खोल और प्लास्टिक का उपयोग करती है. इस समय उनके पास एक नारियल के लगभग 500 प्लांटर बनाया है. इसकी खासियत नारियल के खोल पानी को काफी समय तक होल्ड करती हैं. ऐसे में पौधों को दो से तीन हफ्ते तक पानी की आवश्यकता नहीं रहती है. इन प्लांटर में वह स्नेक पलांट, कैक्टस और लिली और अन्य ट्रॉपिकल पौधों को लगाती हैं. इसके अलावा प्लांटर के तौर पर प्लास्टिक के उपयोग से वह वातावरण को होने वाले नुकसान से भी बचाती हैं. साक्षी ने कई सारी प्रजातियां विदेशों से मंगा रखी है. इन प्रजातियों के लिए एक अनुकुलित वातावरण की जरूरत पड़ती है. वह विशेष तौर पर प्रजातियों के लिए अनुकुलित वातावरण तैयार करती हैं. वह कहती हैं एक पौधे के लिए मिट्टी और पानी और हवा की जरूरत होती है. इस बारे में सही तरीके से जानकारी मिल सके इसके लिए वह रिसर्च, प्लांट जर्नल और गूगल का सहारा लेती हैं. खाद्य के तौर पर वह किचन और बर्मी कम्पोस्ट की मदद से ऑर्गेनिक खाद्य का उपयोग करती हैं. इसके अलावा वह पौधों का विकास सही तरीके से हो सके वह बॉयो इंजाइम्स का भी खास तौर से प्रयोग करती हैं. साथ वह अपने इंस्टाग्राम अकाउंट (https://www.instagram.com/jungle_vase/) पर भी इसक कार्य के बारें बारे में जानकारी देती रहती हैं. इसके अलावा वह समय-समय पर इस बारे में वर्कशॉप लेती रहती हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी साक्षी के इस प्रयास को सराहा है. इस दौरान उन्होंने ट्वीट कर साक्षी की तारीफ भी की, साथ ही प्रदेश के हर नागरिकों को इस तरह के कार्यों के लिए आगे आने की भी अपील की. मध्य प्रदेश भोपाल साक्षी भारद्वाज MADHYA PRADESH BHOPAL SAKSHI BHARADWAJ

Author