









बीकानेर,गुरुकुल बी.एल. मोहता लर्निंग इंस्टिट्यूट, सींथल में चल रहे अखिल भारतीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता के महाकुंभ का चौथा दिन उत्साह और रोमांच से भरपूर रहा। दूधिया रोशनी में खेले गए मुकाबलों ने दर्शकों को देर रात तक मैदान में थामे रखा। पूरे वातावरण में खेल भावना और जोश का आलम रहा।
अध्यक्ष बाबूलाल मोहता ने बताया कि चौथे दिन दर्शकों ने शूटिंग बॉल, पासिंग बॉल, सफेद बॉल और स्मैशिंग जैसे रोमांचक मैचों का भरपूर आनंद लिया। खिलाड़ियों ने बेहतरीन खेल कौशल का प्रदर्शन करते हुए दर्शकों से खूब तालियां बटोरीं।
पासिंग बॉल वर्ग में विजेता टीम को ₹51,000, उपविजेता टीम को ₹31,000 और तीसरे स्थान पर रही टीम को ₹11,000 की पुरस्कार राशि एवं आकर्षक ट्रॉफी प्रदान की गई। प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला 26 अक्टूबर 2025 को गुरुकुल प्रांगण में खेला गया।
प्रतियोगिता में देशभर की 64 से अधिक टीमों ने भाग लिया, जिनमें इंडियन ऑयल, एसबीआई, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान और दिल्ली जैसी प्रमुख टीमें शामिल रहीं। खेल प्रेमियों के लिए यह आयोजन एक यादगार अनुभव बन गया।
समापन दिवस पर फाइनल मुकाबले खेले गए, जिनमें पासिंग महिला वर्ग में चंडीगढ़ ने जीत दर्ज की, वहीं शूटिंग बॉल महिला वर्ग में दिल्ली की टीम विजेता रही। पुरुष वर्ग में ऑयल इंडिया जोधपुर और एसबीआई जयपुर के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। इसके अलावा माहेश्वरी समाज गजनेर और नापासर के बीच खेला गया मैच दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहा।
प्राचार्य डॉ. सरोज राठौड़ ने बताया कि खेल मंत्री के के विश्नोई के मार्गदर्शन में संस्था शीघ्र ही सरकार के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्र में एक इंडोर एवं आउटडोर स्टेडियम के निर्माण की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में इस प्रकार का राष्ट्रीय स्तर का आयोजन खेल प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें नई दिशा देने का कार्य कर रहा है।
स्वामी रामेश्वरानंद जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि खेल न केवल शारीरिक स्फूर्ति देते हैं, बल्कि जीवन में अनुशासन, एकता और सकारात्मकता का संचार भी करते हैं। उन्होंने कहा कि गुरुकुल सींथल जैसे संस्थान जब ग्रामीण भारत में खेलों की ज्योति जलाते हैं, तो यह केवल खेल नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक साधना बन जाती है।
इस अवसर पर पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने कहा कि “ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, जरूरत केवल मंच और प्रोत्साहन की है। खेलो इंडिया जैसी योजनाओं ने गांवों से निकलने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचने का अवसर दिया है। गुरुकुल सींथल में आयोजित यह प्रतियोगिता ‘खेलो इंडिया’ की भावना को साकार कर रही है और राजस्थान को खेल मानचित्र पर नई पहचान दे रही है।”
स्वामी रामेश्वरानंद जी महाराज के सानिध्य में संपन्न हुए इस आयोजन में स्थानीय नागरिकों, विद्यार्थियों, पूर्व खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों ने बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज कर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया।
गुरुकुल परिसर में गूंजते नारों और तालियों के साथ जब विजेता टीमों को सम्मानित किया गया, तो पूरा वातावरण उत्साह और गर्व से भर उठा।
