बीकानेर,महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय की विद्या परिषद् की 20वीं बैठक आज दिनांक 22 नवम्बर, 2021 को माननीय कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई ।
उप कुलसचिव डाॅ. बिट्ठल बिस्सा ने बताया कि बैठक में सत्र 2021-22 के पाठ्यक्रमों का अनुमोदन किया गया। साथ ही परिसर में सेमेस्टर प्रणाली के अन्तर्गत संचालित पाठ्यक्रमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप सी.बी.सी.एस. के अन्तर्गत एल.ओ.सी.एफ. लागू करने का निर्णय लिया गया। डाॅ. बिस्सा के अनुसार विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि सत्र 2020-21 के अनुसार ही सत्र 2021-22 का पाठ्यक्रम प्रभावी होगा।
डाॅ. बिस्सा के अनुसार क्षेत्रीय मांग को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय परिसर में नवीन विभागों की स्थापना के लिए प्रस्ताव तैयार करने विद्या परिषद् द्वारा कुलपति महोदय को अधिकृत किया गया। आगामी दीक्षान्त समारोह में परीक्षा 2019 की प्रदान की जाने वाली में उपाधियों में 25 सुरक्षात्मक मानदण्डों का निर्धारण किया गया तथा परीक्षा 2019 की 1.05 लाख उपाधियों एवं 55 विद्या वाचस्पति (पीएच.डी.) की उपाधियों का ग्रेस पास किया गया तथा कुलाधिपति पदक, कुलपति पदक एवं 55 स्वर्ण पदक प्रदान करने का अनुमोदन किया गया। विश्वविद्यालय में शैक्षणिक पदों पर भत्र्ती एवं कार्यरत सहायक आचार्यो को सी.ए.एस. का लाभ प्रदान करने हेतु विषय विशेषज्ञ पैनल को अनुशंसित किया गया।
डाॅ. बिस्सा ने बताया कि विश्वविद्यालय की आई.क्यू.ए.सी. द्वारा तैयार की गई विश्वविद्यालय प्रवेश नीति, पब्लिकेशन नीति, शोध उन्नयन नीति, खेल नीति, अन्तर्राष्ट्रीय विद्यार्थी नीति पर 10 दिवस में सुझाव आमंत्रित कर लागू करने का निर्णय लिया गया। विद्या परिषद् द्वारा निर्णय लिया गया कि गत चार वर्षो से बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ एवं श्रीगंगनगर के सम्बद्ध महाविद्यालयों को राज्य सरकार द्वारा अनापति प्रमाण-पत्र जारी नही किया गया है ऐसे महाविद्यालयों को आगामी सत्र 2022-23 से प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने रोक लगाई गई।
बैठक में माननीय कुलाधिपति महोदय के नामित प्रो. राज सेनानी, राज्य सरकार द्वारा नामित डाॅ. श्रवण कुमार सैनी, डाॅ. भंवर लाल विश्नोई, डाॅ. निधि गुप्ता, शासन सचिव, उच्च शिक्षा के प्रतिनिधि डाॅ. राकेश हर्ष, संकायाध्यक्ष प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल, डाॅ. जी.पी. सिंह, डाॅ. भगवानाराम विश्नोई, डाॅ. मीनू पूनिया, डाॅ. मिनाक्षी मिश्रा, डाॅ. बी.एस. रतन, कुलपति द्वारा नामित सदस्य प्रो. राजाराम चोयल सहित समस्त पाठ्यक्रमों के संयोजक उपस्थित रहे।