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बीकानेर,बालसंत श्रीछैल बिहारी महाराज और जांगिङ सुथार समाज पुणे के संयुक्त तत्वाधान मे सानिध्य मे पर्यावरण संवर्धन संरक्षण जागरूकता संदेश के साथ 15 राज्यों के अंदर जन जन मे जारी पर्यावरण संरक्षण जागरूकता संदेश के साथ पौधावितरण अभियान बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज के सानिध्य मे एक लाख पौधावितरण यात्रा अभियान जारी हे. जिसके अंतर्गत आज मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान पारीक चोक बीकानेर और जांगिङ सुथार समाज पुणे के सहयोग से पुना शहर के आस पास अनेकानेक मन्दिर देवालय आफिस कार्यस्थल और हर समाज के जनमानस तक बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज के सानिध्य में पर्यावरण संरक्षण जागरूकता संदेश पंहुचाया जा रहा है… जिसके अंतर्गत महाराष्ट्र के पुना सिटी से 160 किलोमिटर पास स्थित विश्व के प्रसिद्ध शनिशिंगनापुर धाम मे पौधवितरण करने पंहुचने पर शनैश्चर देवस्थान ट्रस्ट शनिशिंगनापुर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गोरक्षनाथ ककेजी दरदले और उप प्रशासनिक अधिकारी नितिन सुर्यभान शेटे द्वारा बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज द्वारा न्याय के अधिपति देवता भगवान शनिदेव को पौध अर्पित कर बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने सेंकङौ पौध शनिधाम परिसर मे लगाने हेतु समर्पित किये.. बालसंत के साथ पुष्कर के उधोगपति अमित कुमार अर्पित कुमार पाठक और समाजसेवी उधोगपति मनोहर सिंह राठोङ द्वारा”पर्यावरण संवर्धन हेतु करीब 200000 लाख रुपए राशि के 2100 पेङ वृक्षारोपण शनिशिंगनापुर धाम मे लगवाने की संकल्प कर घोषणा की… उपरोक्त पौधवितरण ओर वृक्षारोपण सेवाकार्य हेतु शनैश्चर ट्रस्ट के प्रशासनिक अधिकारीगणों द्वारा”पर्यावरण सेवाकार्य करवाने हेतु बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज और प्रिंसिपल हरिकिशन नागल और संत मनु महाराज का श्रीफल और शाल ओढ़ाकर सम्मान अभिनंदन किया गया…पुणे शहर के अनेक जांगिङ सुथार समाज पुना के गणमान्यजन जिसमे तेजाराम मरोठवाल, मामराज मांङण,थानमल भाटिया, हनुमान भद्रेचा मुलचंन्द मायल,जगदीश जांगिङ नंदकिशोर पंङवाला हनुमान सिलग राधेश्याम धामू,पुजारी लक्ष्मणदास हरिराम भद्रेचा आदि के श्रदालुओ मे पौधवितरण करके सदेव पर्यावरण संवर्धन संरक्षण का संदेश दिया…संस्थान के हरिकिशन नागल श्रीकिसन सुथार ने बताया..कि उपरोक्त पर्यावरण सेवाकार्य अभियान से जुङे समाज सेवी नवरत्न धामू,श्रीकिसन मांङण एव, समाज सेवी प्रदीप कुमार माकङ आनंद गहलोत उत्तम पारीक,मनोहर सिंह राठोङ अमित कुमार अर्पित कुमार पाठक. जन जन तक इसका प्रचार प्रसार पौधवितरण के माध्यम से जागरूकता फेला रहे हे.

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