बीकानेर,दुनिया के सबसे बड़े अर्ध सैनिक बल CRPF के बेतार कार्मिक अपने साथ कथित सिग्नल कैडर के नाम पर हो रहे शोषण /छलावे से परेशान हो कर समय से पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति जाने को मजबूर कारण समय पर पदोन्नति ना होना , काम वेतन मान और उससे बड़ा कारण जूनियर कार्मिक का सीनियर हो जाना ! सीआरपीएफ के सेवानिवृत्त हवलदार /रेडियो ऑपरेटर विश्वजीत हलदार ने बताया कि CRPF बेतार कार्मिकों की प्रमोशन की दयनीय स्थिति है हवलदार /रेडियो ऑपरेटर 20 वर्ष तक एक ही रैंक में रह रहा है जबकि सीआरपीएफ के संवेदनशील इलाकों में ऑपरेशन में जीडी की टुकड़ियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सभी अभियानों में मोर्चा संभालता है आश्चर्य की बात यह है कि इनके अलावा जो कार्मिक कैंप में एडमिनिस्ट्रेशन कार्य करने वाले कार्मिक जैसे मंत्रालय , तकनीकी, क्रिप्टो इनका प्रमोशन भी रेडियो ऑपरेटर से बहुत बेहतर है जबकि इनकी ड्यूटी कैंप की चारदीवारी के अंदर ही रहती है संवेदनशील इलाकों में भी इनका जीवन सुरक्षित रहता है और जीवन में जोखिम भरी ड्यूटी न होने के कारण भी इनका प्रमोशन रेडियो ऑपरेटर से बेहतर है जबकि रेडियो ऑपरेटर अति संवेदनशील इलाकों में नक्सली मुठभेड़ में वीरगति भी पा रहे हैं और पुलिस मेडल भी प्राप्त कर रहे हैं , दुश्मन के खिलाफ मोर्चा संभालने में सीआरपीएफ के ऑपरेशन को सफल बनाने में भूमिका रखते हैं अभी तक काफी रेडियो ऑपरेटर अपना कर्तव्य निर्वहन करते हुए युद्ध भूमि में शाहिद भी हो चुके हैं इस पुरे मामले को महानिर्देशक CRPF के संज्ञान मे लाने की कई बार कोशिस की पर बिडंबना देखिये कि महानिर्देशक CRPF ने भी कभी हकीकत जानने की कोशिस नहीं की ,क्योकि सारा मामला निचली रैंक के कार्मिको का था मजबूर होकर सूचना का अधिकार (RTI) का सहारा लेना पड़ा की वाकई मे सिग्नल कैडर है या वर्षो से सिर्फ सिग्नल कैडर के नाम पर भोले -भाले कार्मिको के साथ धोखा किया जा रहा , जवाब आया कि इस प्रकार का कोई भी सिग्नल कैडर हमारे सज्ञांन मे नहीं है ! CRPF द्वारा 2017 मै प्रकाशित HUMAN RESOURCE IN CRPF नामक किताब मै भी इस काल्पिनक /कथित सिग्नल कैडर का कोई जिर्क नहीं है इस कथित और आत्मघाती सिग्नल कैडर के चलते कनिष्ठ कार्मिक वरिष्ठ बन जाता है और उससे उच्च योग्यता वाला बेतार कार्मिक कनिष्ठ बन जाता है और फिर शुरू हो जाता है मानसिक शोषण का सिलसिला और जबकि केंद्र सरकार के आदेश है कि हर कार्मिक नियत समय पर पदोन्नति दी जाये II सेवानिवृत्त हवलदार/ रेडियो ऑपरेटर विश्वजीत हलदार स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति का मुख्य कारण यही था कि मेरे से जूनियर कार्मिक मेरे से सीनियर हो गए इसकी वजह से मैं हमेशा मानसिक शोषण का शिकार होता रहा क्योंकि फोर्स में जूनियर सीनियर नहीं हो सकता है लेकिन सीआरपीएफ रूल 1955 के विपरीत, सीआरपीएफ मेरे कनिष्ठ को वरिष्ठ बना रहे हैं और रेडियो ऑपरेटर के प्रमोशन की उपेक्षा की जारी है मेरा डीजी से यही निवेदन है की रेडियो ऑपरेटर के प्रमोशन का इस तरह से अनुपात बनाया जाए की कोई भी जूनियर कार्मिक सीनियर ना बन सके और जो एडमिनिस्ट्रेशन के कार्य करते हैं जिनका जीवन खोने का जोखिम बिल्कुल कम है जैसे मंत्रालय कार्मिक , क्रिप्टो , टेक्नीशियन उनसे बेहतर प्रमोशन का अनुपात तैयार किया जाना चाहिए मैं स्वयं उस मानसिक शोषण का शिकार हुआ और मुझे मजबूरन स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी पड़ी हालांकि मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी अगर आज भी मुझे ससम्मान मेरा रैन्क दिया जाए तो मैं ज्वाइन करने के लिए तैयार हुं ।
EX. HC/RO B. HALDAR
MOB NO 96416 71414
Durgapur (WB)