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बीकानेर, जिले के 25 गांवों के 1 हजार 250 किसानों का चयन करते हुए इनकी आमदनी और उत्पादन बढ़ाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा। इन किसानों की कृषि योग्य भूमि, मृदा की स्थिति, उपलब्ध संसाधन, वर्तमान में की जाने वाली खेती एवं आमदनी, आय एवं उत्पादन बढ़ाने की योजना तथा परिणाम संबंधी समूचा रेकार्ड संकलित किया जाएगा।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल की पहल पर जिले में चल रही ‘माटी’ परियोजना के द्वितीय चरण क्रियान्वयन के लिए मंगलवार को आयोजित बैठक में कृषि विभाग के संयुक्त निदेषक डॉ. उदयभान ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसानों को मृदा स्वास्थ्य, जैविक एवं संरक्षित खेती, फसल विविधिकरण, पशुपालन, कीट एवं व्याधि प्रबंधन और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति जागरुक करने और कृषि लागत मूल्य घटाने के साथ आमदनी और उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। इसके पहले चरण में जिले के सभी गांवों में 26 जून तक कृषक गोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं। इसी प्रकार दूसरे चरण में जिले के पांचों ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के पांच-पांच गांवों में पचास-पचास किसानों का चयन किया जाएगा।
डॉ. उदयभान ने बताया कि इन किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ विभिन्न ऋण योजनाओं से इन क्षेत्रों के किसानों को जोड़ने के प्रयास होंगे। उन्होंने कहा कि जिले के 25 गांवों और किसानों कका चयन कृषि, उद्यान, आत्मा, कृषि विपणन, सहकारिता एवं पशुपालन, एसकेआरएयू, राजूवास, केवीके, काजरी, सीआइएएच, सीडब्ल्यूआरआई, एनआरसीसी, नाबार्ड, एटीसी और अनुसंधान केन्द्र के समन्वयन से किया जाएगा। इन किसानों की कृषि संबंधी गतिविधियों की प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी तथा इससे आए परिणाम संबंधी रिकॉर्ड संधारित किया जाएगा।
बैठक में काजरी के निदेषक एन.डी. यादव, स्वामी केशवांनद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के निदेषक (प्रसार) सुभाष चंद्र, कृषि विज्ञान केन्द्र के डॉ. एसपी सिंह, केवीके लूणकरणसर के डॉ. एमएल रैगर, उपनिदेषक उद्यान डॉ. राजेश नैनावत, सीएसडब्ल्यूआरआई निर्मला सैनी, जिला विस्तार अधिकारी बज्जू यशवंती सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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