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बीकानेर,दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना में मिले कोरोना के नए वैरिएंट द विदुनिया को एक बार फिर चिंता में डाल दिया है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस वैरिएंट में अनेक म्यूटेशन हो रहे है जिससे इस पर वैक्सीन के भी कारगर नहीं होने की आशंका है। वैज्ञानिक इस वैरिएंट को समझने की कोशिश कर रहे हैं। गनीमत है कि इसका कोई मामला अब तक भारत में नहीं मिला है, पर जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस में अब भी रोजाना 30 हजार से अधिक कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। दुनियाभर में रोजाना पांच लाख से अधिक मामलों के साथ सात हजार से अधिक मौतें किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। अनेक शहरों में स्कूली बच्चों का कोरोना संक्रमित होना हमारी असावधानी ही दर्शाता है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से देश में कोरोना से 4.67 लाख मौतें हो चुकी हैं। वास्तविक आंकड़ों का तो अंदाजा ही लगा सकते हैं। सवाल उठता है कि नए वेरिएंट से हम अपने आपको कैसे बचा सकते हैं। सरकारें अपने हिसाब से काम करती हैं। उनकी भी अपनी सीमाएं हैं। लेकिन

तमाम चेतावनियों के बावजूद आमजन अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने से चूक रहा है। कोरोना का प्रकोप कम होते ही अधिकांश लोगों ने मास्क पहनना छोड़ दिया। शादी-ब्याह और क्रिकेट मैचों में पहले जैसी भीड़ दिखने लगी है। कोरोना की दूसरी लहर से पहले भी इसी तरह की असावधानियां देखने को मिली थीं। अपनों को खोकर भी अगर हम सचेत नहीं हो पाए तो दोष किसको दिया जाए। कोरोना का नया वैरिएंट अभी भले ही तीन देशों में मिला है, लेकिन इसके अन्य देशों में भी फैलने की आशंका तो है ही। अगले महीने भारतीय क्रिकेट •टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर जाने वाली है। भारतीय ‘ए’ क्रिकेट टीम अभी वहां मौजूद है तथा मैच खेल रही है।

जिन देशों में कोरोना का नया वैरिएंट मिला है, उन देशों में आने-जाने की सख्त पाबंदी लगाने की जरूरत है। केंद्र सरकार ने ऐसे 14 देशों को छोड़कर अन्य सभी देशों की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को मंजूरी दे दी है। लेकिन अब सरकार को सावधानियां भी बढ़ाने की जरूरत है ताकि विदेशों से कोरोना का नया वैरिएंट भारत में प्रवेश न कर पाए। स्कूल खुलने के बाद से बच्चों में संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है। राजस्थान के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक और ओडिशा से भी बच्चों कोरोना संक्रमित होने की खबरें लगातार आ रही हैं। कोरोना की दोनों लहरों को देश ने देखा है। सबके प्रयासों से ही हम कोरोना के खिलाफ बड़ी जंग जीतने में कामयाब रहे। लेकिन दुनिया में कोरोना के नए वैरिएंट के सामने आने के बाद देश को एक बार फिर भावी चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा।

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