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बीकानेर,देश के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी के मालिकाना हक वाली अडाणी पावर कंपनी ने राजस्थान सरकार के ऊर्जा निगम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है। अडाणी की इस याचिका पर नोटिस जारी कर 6 जनवरी तक जवाब मांगा गया है। राज्य सरकार ने 506 करोड़ रुपए लौटाने का नोटिस अडाणी परिवार को दिया था। सरकार के इस नोटिस को ही अडाणी समूह ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना माना और याचिका दायर कर दी। अडाणी का कहना है कि कोयले की कीमत में अंतर को लेकर ही सुप्रीम कोर्ट ने 5 हजार 637 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया था, ऐसे में राज्य सरकार राशि वापस करने का नोटिस भी नहीं दे सकती है। सब जानते हैं कि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है। उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर राहुल गांधी कुछ भी सोच रखते हों, लेकिन अशोक गहलोत का अडाणी के प्रति हमेशा से ही नरम रुख रहा है। गहलोत अडाणी पावर से ही बिजली खरीदते हैं तथा छत्तीसगढ़ की खदानों से राजस्थान के हिस्से का कोयला निकालने का ठेका भी अडाणी समूह को ही दिया है। इतना ही जैसलमेर में सोलर पार्क बनाने के लिए अडाणी को 6500 बीघा भूमि का आवंटन भी किया है। सवाल उठता है कि जो अडाणी समूह राजस्थान सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर रहा है उसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इतनी सुविधाएं क्यों दे रहे हैं? क्या किसी ठेकेदार की इतनी हिम्मत है कि वह सीधे सरकार को चुनौती दे? सब जानते हैं कि सरकारी विभाग में काम करने वाले ठेकेदार अधिकारियों से नहीं उलझते हैं। यदि कोई ठेकेदार उलझता है तो उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाता है। जबकि अडाणी तो लगातार राजस्थान सरकार के विरुद्ध सक्रिय हैं। बिजली सप्लाई के लिए मलेशिया से महंगा कोयला मंगवाने पर कोयले की कीमत वसूलने के लिए भी अडाणी ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। अडाणी के आगे हर बार गहलोत सरकार को मात खानी पड़ती है। समझ में नहीं आता कि गहलोत सरकार की कोर्ट में हर बार हार क्यों होती है? क्या यह मिली भगत की कुश्ती तो नहीं? सवाल यह भी है कि जब अडाणी से इतनी चुनौतियां मिल रही हैं, तब सरकार इतनी मेहरबान क्यों है? क्या राहुल गांधी और अशोक गहलोत की सोच में फर्क है? या फिर अडाणी समूह के सहयोग के बिना गहलोत सरकार चल नहीं सकती है? गहलोत यूं तो सिद्धांतों की बहुत बात करते हैं, लेकिन अब प्रदेश की जनता को यह बताना चाहिए कि अडाणी समूह पर इतनी मेहरबानी क्यों की जा रही है? यहां यह भी उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार के सहयोग की वजह से ही अडाणी समूह जयपुर एयरपोर्ट का संचालन सुगमतापूर्वक कर रहा है।

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