बीकानेर.बीकानेर जिले में आज से 15 जनवरी तक अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव शुरू होने जा रहा है। राजस्थान में कोरोना के चलते करीब 3 साल बाद यह आयोजन हो रहा है।
3 दिन तक चलने वाले इस महोत्सव का राजस्थान नहीं बल्कि विदेशों में भी इतना क्रेज है कि वहां से भी लोग इस महोत्सव को देखने के लिए आए हुए हैं।
गौरतलब है कि ऊंट को आज भी राजस्थान में शाही सवारी के नाम से जाना जाता है। जब भी राजस्थान को किसी तस्वीर में प्रदर्शित किया जाता है तो उसमें भले ही कुछ हो ना हो मिट्टी और उन पर चलते हुए ऊंट जरूरी दिखाई देते हैं।
बीकानेर में आज से शुरू होने जा रहे इस आयोजन में पहली बार कार्निवल भी होगा जिसमें रंग-बिरंगे ऊंट और कई विंटेज गाड़ियां बीकानेर में घूमते हुए दिखाई देगी। इसके साथ ही बीकानेर में इन ऊंटों की दौड़ भी लगाई जाएगी।
कार्यक्रम की व्यवस्था संभाल रहे अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम में ऊंटों की रैली, राजस्थानी कल्चरल प्रोग्राम, बीकानेर कार्निवल, बहरूपिया का नाटक, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के ऊंटों का शक्ति प्रदर्शन समेत कई आयोजन देखने को मिलेंगे।
3 दिन तक चलने वाले इस आयोजन में राजस्थान ही नहीं बल्कि विदेशों से भी सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच चुके हैं। हालत यह है कि राजस्थान में बीकानेर जिले में तमाम होटल और रिसोर्ट फुल हो चुके हैं।वहीं इस ऊंट महोत्सव को लेकर फ्रांस की एक विदेशी पर्यटक मेगुमी में तो इतना क्रेज है कि वह पिछले करीब 15 दिनों से बीकानेर में ही है। विदेशी पर्यटक बीकानेर के एयरपोर्ट के पास एक किसान के घर रुकी हुई है। जो ऊपर राधा कृष्ण की तस्वीरें और नाम उकेर रही है।बता दें कि राजस्थान के इस कैमल फेस्टिवल को देखने के लिए जापान-फ्रास, स्पेन और अमेरिका से टूरिस्ट आते हैं। खासकर विदेशी लड़कियां इस महोत्सव को देखने पहुंचती हैं। वह ऊंटों को एक दुल्हन की तरह सजाती हैं फिर उस पर सवारी करती हैं। साथ ही अपने साथ उनके फोटोज और वीडियो भी ले जाती हैं।