बीकानेर,राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दो विधानसभा चुनाव हारने वजह बताई है। सीएम गहलोत ने जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पहले कर्मचारियों ने नाराजगी व्यक्त कर दी।
चुनाव में हमें हरवा दिया। मुझे हड़ताल का सामना करना पड़ा। 60 दिन तक हड़ताल रखी। काम नहीं तो वेतन नहीं। हमारा बड़ा निर्णय था। कुछ हमारी भी गलती रही। कर्मचारियों से चर्चा नहीं कर पाए। मैं भी नया था। मुझे अनुभव नहीं था। इस बात का। कर्मचारी नाराज क्यों हो रहे हैं। उनकी गलती रही। मेरी गलती रही। फिर मोदी जी की हवा चल गई देश के अंदर। एक हवा चल पड़ी। उसका फायदा मोदी जी को मिल गया। 2013 में हम लोग 21 पर आ गए। काम करने के लिए हमने कोई कमी नहीं रखी। सीएम ने कहा कि 2018 में हमारी सरकार आई है। उसकी वजह यह है कि पुरानी कामों को लोगों ने याद किया। मैं दावे के साथ कह सकता हूं। सरकार जाते ही 6 महीने में याद करने लग जाते हैं। गलती हो गई। पहले वाली सरकार ही सही थी। वो जो माहौल बनता है। वह भी बड़ा कारण होत है सरकार बनने का। इसलिए 2018 में पहले ही हवा बन गई थी कि सरकार आनी चाहिए। अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बनना चाहिए। पब्लिक की आवाज थी। पब्लिक की आवाज खुदा की आवाज होती है। बता दें, सचिन पायलट ने कहते रहे है कि हम सरकार रिपीट नहीं कर पाते। इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। 2013 में हम 21 सीट पर आ गए थे।
इस बार मोदी लहर नहीं
सीएम गहलोत ने कहा कि मेरी अंतरात्मा कर रही है कि इस बार हमारी सरकार आएगी। मैं सीएम बनूंगा। सीएम गहलोत ने कहा कि मैं कोई बात बोलता हूं। सोच समझकर बोलता हूं। दिल की बात जुबान पर आती है। मुझे गाॅड गिफ्ट है। तो मुझे लगता है। जनता इस बार साथ देगी। सीएम गहलोत ने कहा कि इस बार कर्मचारियों की नाराजगी नहीं है। मोदी जी की हवा नहीं है। सत्ता विरोधी माहौल नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं। इस बार जनता हमारा साथ देगी। विपक्ष कमिया बताए। जनता को उनको स्वीकार करने वाली नहीं है। सीएम गहलोत ने कहा कि नड्डा जी आ रहे हैं, मोहन भागवत आए है। राजस्थान को देश के अंदर टारगेट बनाया जा रहा है। गहलोत ने कहा कि सरकार बचती नहीं तो मैं फैसले कैसे करता।
156 सीट जीतेंगे
मुझे उम्मीद है कि पार्टी में भी एकता रहेगी। सब लोग समझ जाएंगे। जनता का मूड क्या है। हम सब मिलकर मैदान में उतरेंगे। मिशन 156 लागू होगा। मुझे उम्मीद है। चार साल में सरकार विरोधी लहर नहीं है। मुख्यमंत्री को भला आदमी कहते हैं। कितना भला है। वह तो आप जानते हैं। भला आदमी मतलब कोरोना में ध्यान रखा। सुखदुख में ध्यान रखा। सेवा की राजनीति करता हूं। मेरा काम चल जाता है। सीएम ने कहा कि मैं राजनीति 24 घंटे ही करता हूं। सीएम ने कहा कि पागलपन से हम कोई नहीं करेंगे तो कामयाब नहीं हो सकेंगे।
सबसे बड़ा अन्याय मीडिया मेरे साथ ही करता है
मीडिया मेरी योजनाओं को, हमारे फैसलो को जिस रूप में राष्ट्रीय स्तर पर उठाना चाहिए। यूपी में योगी जी ने बुलडोजर चला दिया। पूरा देश का माडल बना दिया। यहां 2019 से बुलडोजर चल रहे हैं। उसकी कोई चर्चा नहीं है। बुलडोजर धर्म के नाम पर चलता है। पूरे देश में चर्चा होती है। ये स्थिति नहीं है। कोई विज्ञापन दे या नही, पैकेज नहीं दे, मीडिया का पहला धर्म होना चाहिए। इमानदारी के साथ सबके साथ न्याय करें। उसके बाद उन्हें फेवर करना है तो विज्ञापन के माध्यम से करना चाहिए। मैं उम्मीद करता हूं देश का मीडिया जो गोदी मीडिया कहलता है, जो टैग लग गया उनके ऊपर, टैग अब हटना चाहिए। समय आ गया है। हर चीज की एक सीमा होती है। गोदी मीडिया के नाम से देश के अंदर हो रहा है। वह हमें अच्छा नहीं लग रहा है। चौथे स्तंभ े लिए गोदी मीडिया बनना शुभ संकेत नहीं है। उन सब चीजों से निकलना चाहिए। निष्पक्षता की तरफ आना चाहिए। अपनी अतंरात्मा से पूछना चाहिए।
चार साल निकम्मापन क्यों दिखाया
सीएम गहलोत ने कहा कि विपक्ष क्या करता है। इससे मुझे कोई सरकार नहीं होना चाहिए। क्योंकि उनके पास कोई मुद्दे आ नहीं पाए है। वो बौखलाए हुए है। उनके ऊपर से बार-बार डांटपड़ती है कि तुम कर क्या रहे हो। चार साल निकम्मापन क्यों दिखाया तूम लोगों ने, इसका जबाव उनका केंद्रीय नेतृत्व बार-बार पूछ रहा है। इसलिए बार-बार नड्डा साहब को आने की जरूरत पड़ती है। केंद्र के मंत्री जो भी आते हैं, नेता लोग उनको खोसते है, इनका पास को जवाब नहीं होता है। ये स्थिति है। वसुंधरा राजे के तवज्जो दे या नहीं दे, ये बीजेपी का मामला है। हमारा रास्ता बिलकुल साफ है। हमने जब 1998 में सरकार बनाई थी 156 सीटें आई थी, जब में पीसीसी चीफ था। मैं चाहूंगा कि मिशन 156 लेकर चले हम लोग। इस रूप में हमने काम शुरू कर दिया है। चार साल में हमारे बजट शानदार रहे हैं। इस बार का बजट भी शानदार आएगा, ऐसा हमारा प्रयास है। हम चाहेंगे कि राजस्थान को देश में नंबर 1 बनाए। उसी दिशा में हम चल पड़े हैं। वो योजनाएं कई राज्यों सरकारों ने तो योजनाएं अपना रही है। हमारे अधिकारियों से बात कर रही है। हमने ग्रामीण ओलंपिक खेल कराए, जिसकी सराहना हुई है। हमारे हर फैसले चर्चा में है।