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बीकानेर,शिक्षा मंत्री बुलाकी दास कल्ला राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और शिक्षा, कला एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख भी. 73 वर्षीय वरिष्ठ नेता की सरकार और संगठन में दोनों जगह मजबूत पकड़ है.

वर्षों से बीकानेर पश्चिम विधानसभा सीट पर डटे हैं. कई बार हार गए तो करीब 6 बार चुनाव जीत गए. मगर अब लेटेस्ट जानकारी है कि कैबिनेट मंत्री बुलाकी दास कल्ला ने सिविल लाइन में मिले सरकारी बंगले को खाली कर दिया है. इसकी कई वजहें बताई जा रही हैं, मगर कुछ भी स्पष्ट नहीं है.

सिविल लाइन के 382-A जिस सरकारी बंगले में मंत्री बुलाकी दास कल्ला रहते थे, अब उसे 25-26 अप्रैल को खाली कर दिया गया है. चर्चाएं खूब हैं, लेकिन मंत्री अब अपने आवास पर शिफ्ट हो गए हैं. वर्ल्ड ट्रेड पार्क के पीछे मालवीयनगर में अपने घर पर मंत्री जी रहने लगे हैं. मंत्री बीडी कल्ला से सम्पर्क किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.

बीकानेर में बढ़ रही टकराहट
दरअसल, बुलाकी दास कल्ला बीकानेर की पश्चिम विधानसभा सीट से कई बार के कांग्रेस विधायक हैं. वहां पर मुख्यमंत्री के एक खास अधिकारी लगातार दौरे कर रहे हैं. उनकी सक्रियता की वजह से मंत्री की नाराजगी भी बढ़ी है. सूत्रों का कहना है कि मामला यहां तक बढ़ गया था कि बीकानेर पश्चिम सीट पर चुनाव लड़ने का दावा करने वाले अधिकारी मंत्री के बंगले पर कई बार धमक पड़े हैं. वहां पर इस बात को लेकर तनाव भी हो चुका है. वर्ष 2018 के विधान सभा चुनाव में बीडी कल्ला का टिकट काट दिया गया था लेकिन काफी विरोध के बाद फिर बी,डी कल्ला को टिकट दिया गया था. क्योंकि, इस सीट पर पुष्करणा ब्राह्मण की संख्या अधिक है. इसलिए बी,डी कल्ला का पलड़ा भारी दिख रहा है.

सरकार से संगठन में जाने की चर्चा
राजस्थान में जब मंत्रिमडल में फेरबदल की बात हो रही है तो ऐसे में फिर एक बार चर्चा तेज है कि बुलाकी दास कल्ला को संगठन में जिम्मदारी दी जा सकती है. सूत्रों का कहना है कि सरकारी आवास के बदलाव में यह बड़ी वजह बताई जा रही है.

कभी बड़े अंतर से नहीं जीते कल्ला
बुलाकीदास कल्ला भले ही कई बार चुनाव जीतकर विधान सभा पहुंचे, लेकिन उनके जीत का मार्जिन कभी भी बहुत ज्यादा नहीं रहा. बीजेपी को भी जब जीत मिली, उसमें भी बहुत मार्जिन नहीं थी. वर्ष 1980 में बुलाकीदास कल्ला 1,855 वोट से चुनाव जीते थे. उसके बाद उन्हें 1998 में एक बार 19,675 मतों से जीत मिली है. वर्ष 2008 और 2013 में दो बार लगातार हारने के बाद वर्ष 2018 में 6,190 मतों से जीत मिली. कल्ला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं.

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