
बीकानेर,चौराहों, सर्कल की साफ सफाई के लिए कमिश्नर, कलक्टर अधिकारियों के साथ सघन स्वच्छता अभियान चला रहे हैं। कमिश्नर, कलक्टर ही क्यों हर नागरिक को अपने आवासीय क्षेत्र में यह पुनीत कार्य करना ही चाहिए।समाज प्रेरणा से भी चलता है। अग्रज को देखकर बाकी समाज उनका अनुगामी बनता है। दुर्भाग्य है कि हमारे अधिकतर नेता जनता के प्रेरणा स्त्रोत नहीं बन पा रहे हैं। उनका ध्येय तो वोटों की राजनीति तक ही रहता है। अगर संभाग का बड़ा अफसर और कलक्टर खुद अपने माहततो के साथ सुबह सुबह सड़कों और चौराहों की सफाई करते हैं तो नागरिकों और समाज को प्रेरणा लेनी चाहिए। संभागीय आयुक्त और कलक्टर को ऐसा करना कोई प्रशानिक ड्यूटी नहीं है। न ही कोई बंदिश। फिर भी वे झाड़ू लेकर सर्कल और मुख्य मार्गों पर स्वच्छता अभियान जनता को संदेश देने के लिए चलाते हैं। हम नागरिकों के हाथ में भी इसी तर्ज पर अगर सप्ताह में एक दिन अपने निवास स्थान के आस पास झाड़ू हों तो इलाके की फिज़ा बदल सकती हैं। सफाई सतत प्रक्रिया है। रोज गंदगी होता है और सफाई भी। स्वच्छता स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। नागरिक जागरूकता से सफाई का स्तर सुधर सकता है और स्वच्छ भारत अभियान सार्थक हो सकता है। संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन और कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल अधिकारियों के साथ इसी मंतव्य से स्वच्छता अभियान चला रहे हैं कि उनके नागरिक भी इसे अपनाएं।हमारी व्यवस्था में कमिश्नर और कलक्टर सम्मान जनक पद हैं। हम सभी इन पदों पर आसीन अफसरों को आदर भाव से देखते हैं। वे झाड़ू लेकर सुबह सुबह निकले हैं तो इसके मायने हैं। उनमें संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का भाव है। यह भाव हमारे भीतर भी जाग्रत होना चाहिए। अगर आम आदमी स्वच्छता के प्रति जागरुक हो जाए तो अप्रत्यक्ष रूप से देश में स्वास्थ्य मानक सुधर जाएगा। उत्पादकता और विकास का स्तर भी सुधर जाएगा। सफाई के प्रति जागरूकता के इस संदेश का जन जीवन को व्यापक फायदे देखने को मिलेंगे। इस संदेश को हर नागरिक आत्मसात करें। हम जानते हैं कि शहरी क्षेत्र में चल रहे सघन सफाई अभियान की श्रंखला में संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन, जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल के नेतृत्व में अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम के घंटे दो घंटों के श्रमदान से कोई सर्किल और प्रमुख मार्गों पर सफाई का काम पूरा होने वाला नहीं है। इसके पीछे निहितार्थ को समझने की जरूरत है। हर नागरिक अपने जीवन में सार्जनिक स्थलों की सफाई और व्यक्तिगत सफाई के प्रति जिम्मेदारी महसूस कर लें। इसलिए कमिश्नर, कलक्टर सार्वजनिक स्थलों पर झाड़ू लेकर सफाई कर रहे हैं। अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ए.एच. गौरी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) ओम प्रकाश, अतिरिक्त जिला कलेक्टर (नगर) पंकज शर्मा, जिला रसद अधिकारी भागूराम महला, सब रजिस्ट्रार तेजपाल गोठवाल, उपखंड अधिकारी अशोक सांगवा, राजस्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अशोक गौड़, मनीष शर्मा, लीलाधर बोहरा, हितेश श्रीमाली आदि लोग जन जागरण के वास्ते ही छुट्टी के दिन सड़कों, चोराहों पर झाड़ू लगा रहे हैं। हम भी तो झाड़ू हाथ में लें। यह राष्ट्र सेवा ही तो है।