बीकानेर,राजस्थान विधानसभा चुनाव से 11 महीने पहले गहलोत कैबिनेट के संभावित विस्तार की अटकलें तेज हो गई है। विस्तार या फेरबदल होगा या नहीं, इसको लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं है। सीएम गहलोत से जब फेरबदल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘इसके के बारे में मैं क्या बताऊं, केंद्र सरकार ने फेरबदल किया था तो क्या आपको बताया?’ था।दरअसल अटकले इसलित तेज है कि प्रदेश 4 जिले ऐसे हैं जिन्हें सबसे ज्यादा भागीदारी मिली हुई है। इनमें जयपुर, भरतपुर, दौसा और बीकानेर शामिल हैं। राज्य में अभी भी करीब 9 जिले ऐसे है जहां से 4 साल बीतने के बाद भी गहलोत मंत्रिपरिषद में एक भी मंत्री नहीं है। 4 से 5 मौजूदा मंत्रियों की विदाई हो सकती है। पहली बार बने युवा विधायक भी मंत्री बनाए जा सकते है। माना यह भी जा रहा है कि क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधने के लिए सीएम मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार कर सकते हैं। हालांकि दो दिवसीय चिंतन शिविर के बाद सीएम गहलोत ने प्रेस वार्ता में अपने मंत्रियों की पीठ थपथपाई थी।
2021 में हुआ था कैबिनेट का विस्तार
बता दें, सचिन पायलट की बगावत के बाद वर्ष 2021 में मंत्रिपरिषद का फेरबदल और विस्तार हुआ था। कांग्रेस के 15 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. इनमें से 11 विधायकों ने कैबिनेट व चार विधायकों ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली। हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल व शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. वहीं जाहिदा खान, बृजेंद्र ओला, राजेंद्र गुढ़ा और मुरारी लाल मीणा बनाए गए थे। राज्य मंत्री. ममता भूपेश, भजनलाल जाटव और टीकाराम जूली को राज्यमंत्री से पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी। इनमें पायलट समर्थक विधायकों का मत्री बनाया गया था।जानें संभावित चेहरे
गहलोत मंत्रिपरिषद में आदिवासी अंचल के तीन जिलों उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर से कोई मंत्री नहीं है। सिरोही, धौलपुर, टोंक, सवाई माधोपुर, हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरू, अजमेर, सीकर से कोई मंत्री नहीं है। सीकर से पहले गोविंद सिंह डोटासरा मंत्री थे, लेकिन अब नहीं है। इसी प्रकार टोंक जिले से पहले सचिन पायलट मंत्री थे। सूत्रों के अनुसार कैबिनेट फेरबदल या विस्तार होने पर पायलट समर्थक माने जाने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत, दिग्गज जाट नेता नरेंद्र बुढ़ानिया, सीएम सलाहकार राजकुमार शर्मा, गुरमीत सिंह कुन्नर, पूर्व केंद्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला और मंजू मेघवाल को मंत्री बनाया जा सकता है। बता दें, पिछले साल कैबिनेट के पुनर्गठन में कैबिनेट मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को हटाया गया था। इन तीनों मंत्रियों ने संगठन में काम करने की मंशा से अपने इस्तीफे पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिए थे। डोटासरा इस समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं तो डॉ शर्मा को पार्टी ने गुजरात मामलों का व हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया था। अब संभावना जताई जा रही है कि रघु शर्मा फिर से मंत्री बनाए जा सकते है।