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बीकानेर,WHO, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) 2050 तक वैश्विक वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद का 3.8 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। जिसके चलते पूरी दुनिया में 24 मिलियन से अधिक लोग अत्यधिक गरीबी की गर्त में चले जाएंगे।नए वैश्विक अनुमान बताते हैं कि 2019 में दुनिया भर में लगभग 5 मिलियन लोगों की मौत रोगाणुरोधी प्रतिरोध की वजह से हुई है।

दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए डब्ल्यूएचओ क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि, 1.3 मिलियन लोगों की मौते के लिए बैक्टीरिया एएमआर सीधे तौर पर जिम्मेदार है। उच्च प्रभाव वाले परिदृश्य में एएमआर 2050 तक वैश्विक वार्षिक जीडीपी को 3.8 प्रतिशत तक कम कर देगा। यदि इसे अनियंत्रित छोड़ दिया जाता है, तो अगले एक दशक में सकल घरेलू उत्पाद में सालाना 3.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी हो सकती है। जिसके चलते 24 मिलियन अत्यधिक गरीबी हो जाएंगे।

WHO ने विश्व रोगाणुरोधी जागरूकता सप्ताह के दौरान रोगाणुरोधी प्रतिरोध को रोकने और बहुक्षेत्रीय कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता को उजागर करने का आह्वान किया। एएमआर तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, कवक और परजीवी समय के साथ बदल जाते हैं और अब दवाओं का कोई असर नहीं होता है। जिससे संक्रमण का इलाज करना कठिन हो जाता है और बीमारी फैलने लगती है। जिससे बीमारी और गंभीर हो जाती है, जिसके चलते लोगों की मौत होनी शुरू हो जाती है।डब्ल्यूएचओ ने कहा कि एएमआर को रोकना और उसका मुकाबला करना 2014 से डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की आठ प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक रहा है। इससे पहले डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह बताया था कि,दुनियाभर में लगभग 422 मिलियन लोगों को डायबिटीज है और दुनिया भर में हर साल 1.5 मिलियन मौतों का सीधा कारण डायबिटीज है।डब्ल्यूएचओ साउथ-ईस्ट एशिया क्षेत्र में 96 मिलियन से अधिक लोगों को डायबिटीज होने का अनुमान है और अन्य 96 मिलियन प्री-डायबिटी होने का अनुमान है, जिससे सालाना कम से कम 6 लाख मौतें होती हैं। उन्होंने डायबिटीज की गंभीरता पर प्रकाश डाला और कहा कि अगर देर से पता चलता है, या अनुचित तरीके से मैनेज किया जाता है, तो हार्ट, रक्त वाहिकाओं, आंखों, किडनी और तंत्रिकाओं को गंभीर और जानलेवा नुकसान हो सकता है।

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