जयपुर, राजस्थान के सीकर के छोटे से गांव सांगलिया की छात्रा आसमान की ऊंचाइयों के साथ हवा में गोते लगाती हैं. 19 साल की बीटेक छात्रा सरोज कुमारी यूएसपीए से ए और बी ग्रेड के स्काई डाइविंग में लाइसेंस हासिल कर लिया है.दावा है कि इस उम्र में वह राजस्थान से पहली छात्रा है जिन्होंने यह लाइसेंस प्राप्त किए है. थाईलैंड के यूएसपीए चार स्काइ डाइविंग लाइसेंस जारी करता है, ए से डी तक, जो कौशल और उपलब्धि के स्तरों को बताता है. यूएसपीए फेडरेशन एयरोनॉटिक इंटरनेशनेल से मान्यता प्राप्त है.
इस लाइसेंस को हासिल करने के लिए 50 से ज्यादा बार सरोज ने एयरोप्लेन से आसमान में 13 हजार से ज्यादा की ऊंचाई से छलांग लगाई गई है, जहां कम तापमान और दो सौ से चार सौ किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा दौड़ती है. उन्होंने स्काइ डाइवर बनने के लिए थाईलैंड के ड्रॉपज़ोन में स्काई डाइवर का प्रशिक्षण लिया.
महिलाओं की स्काइ डाइवर्स की टीम तैयार करना चाहती हैं सरोज
छात्रा सरोज का कहना है कि स्काई डाइविंग रोमांच से भर देने वाली एक बेहद शानदार एक्टिविटी है. जोखिम होने के कारण लोग इससे दूर रहते हैं, लेकिन वे देश की स्काई डाइवर्स महिलाओं की टीम तैयार करना चाहती हैं ताकि दुनियां में स्काइडाइवर्स की प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सके.यह रोमांचक अनुभव विदेशों में काफी एडवेंचर के कारण पसंद किया जाता है, लेकिन अब हिन्दूस्तानी युवा भी इसमें हाथ आजमाने लगे है. इसकी प्रतियोगिताओं को लेकर भी कई तरह के नवाचार किए जा रहे है. हालांकि साहसिक होने के साथ यह किसी खतरे से कम नहीं है. इसके लिए पूरी तरह बेहतर प्रशिक्षण और सावधानियों की जरूरत होती है.