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बीकानेर,कांग्रेस कि एक विडम्बना रहीं हैं। लोहलेडी के नाम से जानी जाने वाली स्वर्गीय इंदिरा गांधी के बाद से जब जब कांग्रेस संकट में आई है, उसे संकटमोचन नहीं मिला जबकि कांग्रेस को कांग्रेस के ही सिपासलारो ने नुकसान पहुंचाने की स्थिति में ला खड़ा किया है, रही खोई कोरकसर उनका हुक्का भरने वाले पुरी कर रहे हैं।

जैसे कि अन्य राज्यों के साथ राजस्थान में भी इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। सरकार रिपीट होने की बात तो की जा रही है। और राजनीतिक संगठन चुनाव तैयारी में पुरे जोश के साथ तैयारी में जुटे हैं। वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में हमेशा की तरह अपनी कि गई अनदेखी सहित सबकुछ भुलाकर चुनौतीयों का सामना करते हुए कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की तैयारियां कर रहे हैं।

दुसरी तरफ राजस्थान में मौजूदा सरकार का चुनौतीपूर्ण वर्ष 2023 शुरू होते ही वाक् युद्ध ने भी जोर पकड़ लिया है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व अपनी जुबानी तीरों से निशानेबाजी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे । अफसोस तो तब होता है, जब इन शीर्ष नेतृत्व करने वाले नेताओं पर गांधी परिवार सहित मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष की समझाइश का भी कोई असर नहीं हों रहा, राजस्थान के नेतृत्व होड़ लगी आगे आगे तुम चले पीछे हम कि रणनीति इन वाक् युद्ध के नेताओं ने अपना रखीं हैं।

आभार और फखर है, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर जिनकी सरकार बनने से अब तक अनदेखी की जाती रही और भाजपा आरएसएस के लोगो को प्राथमिकता दिए जाने व इनके हुक्का भरने वाले मुखवीर किस्म के लोग भी अपनी बदजुबानी से कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे को नजरंदाज कर सरकार रिपीट की तैयार में बैठे है। लेकिन सवाल यह है कि इस वाक् युद्ध व बदजुबानी करने वालों से कैसे निपटा जाए ।अखिल भारतीय कांग्रेस आलाकमान को इस शीध्र अतिशीघ्र इस ओर ध्यान देना चाहिए । इस वाक् युद्ध को समाप्त कर कार्यकर्ताओं में जोश की उर्जा पैदा करें । ताकि राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार बन सकें और राजस्थान में एक नया आयाम क़ायम हों ।कांग्रेस पार्टी के हित में एक सिपाही होने के नाते शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध किया करता हूं कि वाक् युद्ध को जल्द समाप्त कर कांग्रेस हित में एकता कायम करवाएं।

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