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बीकानेर, एक पिता के लिए इससे ज्यादा गर्व का पल और नहीं हो सकता है कि उसकी बेटी उसके सामने उसी के विभाग की अधिकारी बनकर पहुंच जाए। ऐसा ही एक भावुक पल उस समय आया जब भारत तिब्बत सीमा पुलिस यानि आईटीबीपी (ITBP) की मसूरी में स्थित अकादमी से 2 महिला असिस्टेंट कमांडेंट पास होकर निकलीं।

दो महिला अधिकारिओं में एक अधिकरी का नाम दीक्षा हैं और उनके पिता भी ITBP में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं।जैसे ही अकादमी से पास होकर दीक्षा बाहर निकलीं तो उनके पिता इंस्पेक्टर कमलेश कुमार ने उन्हें सेल्यूट ठोका। दीक्षा के अलावा प्रृकृति की नियुक्ति भी ITBP में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर हुई है।

पहली बार यूपीएससी चयन प्रक्रिया (यूपीएससी की सीएपीएफ एसी परीक्षा) से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में दो महिला अधिकारी शामिल हुई हैं। विवार को पासिंग आउट परेड के दौरान आईटीबीपी में शामिल होकर उन्होंने देश सेवा की शपथ ली। इस दौरान युवा अधिकारियों का जोश पासिंग आउट परेड के बाद देखते ही बन रहा था। सभी अधिकारियों ने आसमान में टोपी उछाल कर अपनी खुशी का इजहार किया।

यूपीएससी चयन प्रक्रिया से आईटीबीपी में असिस्टेंट कमांडेंट बनीं दीक्षा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के इटावा की रहनी वाली हैं। उनके पिता इंस्पेक्टर हैं। दीक्षा ने कहा कि आईटीबीपी में एक अधिकारी के रूप में शामिल होने पर आज उनका सपना पूरा हुआ है। उनको हमेशा से उनके पिता ने प्रोत्साहित किया है। उनके पिता उनके आदर्श हैं। उनके मार्गदर्शन में ही उन्होंने आज ये मुकाम हासिल किया है। उन्होंने कहा कि आज उनको जो खुशी मिली है उसको शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

दीक्षा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया है और कहा है कि पिता ने उन्हें हमेशा से ITBP ज्वाइन करने के लिए प्रोत्साहित किया और हर तरह की सहायता उपलब्ध कराई। दीक्षा ने बताया कि ITBP महिलाओं के लिए यह बहुत अच्छी फोर्स है और जिन्हें चैलेंज पसंद हैं वे इस फोर्स को ज्वाइन करें। दीक्षा ने कहा लड़कियां किसी क्षेत्र में कम नहीं हैं।

वहीं दूसरी महिला अधिकारी प्रकृति मूल रूप से बिहार की रहने वाली हैं। उन्होने कहा कि कठिन परिश्रम के बाद आज उनका सपना पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी सफलता के पीछे पीछे उनके परिवार का अहम योगदान रहा है।

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