बीकानेर, प्रदेश में पुलिस अपराध और अपराधिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखेगी। वहीं, क्राइम कंट्रोल के लिए सरकार और पुलिस मुख्यालय से दिए जाने वाले निर्देश तुरंत निचले स्तर पर पहुंच सकेंगे। इसके लिए गांव-ढाणी से लेकर पुलिस मुख्यालय और राज्य स्तर पर व्हाट्सएप, ट्वीटर और इंस्टाग्राम का उपयोग किया जाएगा।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस सम्बंध में गृह विभाग की ओर से पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए गए हैं। अपराध के आंकड़ों का विश्लेषण करने के दौरान सामने आया कि कई वारदात तो ऐसी हैं, जिन पर जरा सी निगरानी रखी जाती तो उन्हें टाला जा सकता था। इसके अलावा भी हर रोज समाज में नए नए बदमाश पैदा हो रहे हैं। उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जाए तो बड़े अपराध होने से बच सकते हैं।
इन्हीं तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया का सहारा लेने का निर्णय किया गया है। पुलिस मुख्यालय से सोशल मीडिया के जरिए काम करने के प्रस्तावों पर गृह विभाग की ओर से निर्देश जारी किए हैं।
गृह विभाग के निर्देश के मुताबिक राज्य के सभी पुलिस सर्किल ऑफिसर द्वारा एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। इस ग्रुप में उस सर्किल के थाने के सभी पुलिसकमी, सीएलजी सदस्य, ग्राम रक्षक, पुलिस मित्र एवं सुरक्षा सखी सदस्य जोड़े जाएंगे। सीओ इस वॉट्सएप ग्रुप के एडिमिन होंगे तथा जिले के पुलिस अधीक्षक एवं आइजी, रेंज भी शामिल होंगे।
इसी तरह एडीजी क्राइम की ओर से एक अन्य वॉट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। इस ग्रुप में गृह सचिव, संयुक्त सचिव गृह, पुलिस जनसम्पर्क अधिकारी, सभी रेंज आइजी एवं जिला पुलिस अधीक्षक सदस्य होंगे। इससे पुलिस मुख्यालय अथवा राज्य सरकार स्तर से किसी भी प्रकार के ऑन लाइन कैम्पेन या अन्य निर्देश की जानकारी सोशल मीडिया से दी जा सकेगी।संबंधित एसपी के मार्फत सीओ के उस वॉट्सएप ग्रुप में भेजा जाएगा। जिसमें उस वृत्त के समस्त पुलिसकर्मी, सीएलजी सदस्य, ग्राम रक्षक, पुलिस मित्र एवं सुरक्षा सखी सदस्य हैं। इसके अलावा पुलिस सर्किल में की गई किसी भी अच्छी पहल, अपराधियों की धरपकड़, गैंग का पर्दाफाश, पॉजिटिव इम्पेक्ट, सक्सेज स्टोरीज को भी सभी तक आसानी से भिजवाया जा सकेगा।
इन तमाम जानकारियों को एसपी पीएचक्यू क्राइम के एडिमिन ग्रुप, राजस्थान पुलिस के ट्वीटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर भिजवाएंगे। इसी तरह पीएचक्यू स्तर पर पुलिस सोशल मीडिया प्रकोष्ठ के सहयोग के लिए एक ग्राफिक्स डिजायनर, कंटेंट राइटर के लिए खर्च की प्रशासनिक स्वीकृति मांगी गई है।